world's longest prison sentence: किसी जुर्म के आरोप में ज्यादा से ज्यादा कितनी सजा हो सकती है, यह उस देश के कानूने के हिसाब से तय होता है. लेकिन यहां आपको जिस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, उसे 1 लाख 41 हजार 78 साल की सजा सुनाई गई थी. ये क्राइम थ्रिलर कहानी आपको हैरान कर देगी.
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Woman received longest prison sentence: धोखाधड़ी के आरोप में किसी को कितनी सजा हो सकती है? इसके जवाब में आप कह सकते हैं अलग-अलग देश के कानून के हिसाब से 6 महीने, एक साल या उससे कुछ ज्यादा. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी को आर्थिक धोखाधड़ी के आरोप में 1 लाख 41 हजार 78 साल की सजा सुनाई गई हो. इतनी लंबी कैद यानी सजा की अवधि को पढ़ने के बाद आपको कुछ अटपटा सा लग रहा होगा, लेकिन इसमें हैरान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये बाचत सौ फीसदी सच है. क्या है पूरा मामला आइए बताते हैं.
इतिहास की सबसे लंबी सजा!
चामोय थिप्यासो नाम की इस शातिर महिला ने 16000 से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी. जिसके लिए उसे 1,41,078 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. उसने इन लोगों से करीब साढ़े 16 अरब रुपये हड़प लिए थे. थिप्यासो ने अपनी धोखाधड़ी के प्लॉट को एक बचत योजना के नाम से बुना था. उसने एक फाइनेंस कंपनी और इन्वेस्टमेंट स्कीम चलाकर लोगों को चूना लगाया. भारत में इस बचत योजनाओं को 'चिट फंड' के नाम से जाना जाता है.
भारत से नाता
'डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड की चमोए थिप्यासो (Chamoy Thipyaso) को कोर्ट ने 1989 में सजा सुनाई थी. उस ‘चिट फंड’ कंपनी के जरिए भारत के केरल के कई लोगों को अपना शिकार बनाया था. हाई फाई शौक और एलीट क्लास से तालुक रखने वाली इस महिला ने उस दौर में लोगों को उनके निवेश के बदले करोड़पति बनाने जैसे सब्जबाग दिखाए थे. उसने कहा था निवेश के बदले आपको एक ऐसा बांड दिया जाएगा जो कुछ समय बाद ही हाई रिटर्न देने लगेगा.
कैसे हुआ घोटाला
थिप्यासो तब थाईलैंड की सरकारी तेल कंपनी पेट्रोलियम अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड की कर्मचारी थी. इस कंपनी को अब पीटीटी के नाम से जाना जाता है. थिप्यासो ने घोटाले को वैध दिखाने के लिए रॉयल थाई वायु सेना में कनेक्शन का इस्तेमाल किया. पेपर्स पर सरकारी कंपनी का नाम लिखा होने की वजह से हजारों लोगों ने उसके झांसे में आकर अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया. निवेश के नाम पर हुई महालूट में थाईलैंड की बड़ी हस्तियों के नाम का इस्तेमाल हुआ. हालांकि 1980 के दशक में उसके इस गोरखधंधे का भंडाफोड हुआ तो चिट फंड कंपनी को बंद कर दिया आरोपी महिला को जेल में बंद कर दिया गया. इस आरोप में उसे बहुत बड़ी सजा सुनाई गई थी. पर वो कुछ सालों में छूट गई. दरअसल इस केस का खुलासा होने के बाद वहां एक कानून पास हुआ जिसमें धोखाधड़ी के मामले में अधिकतम बीस साल की सजा का प्रावधान था.