जहां हुआ ईसा मसीह का जन्म वहां इस बार भी क्रिसमस का जश्न फीका, जानिए क्यों?
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जहां हुआ ईसा मसीह का जन्म वहां इस बार भी क्रिसमस का जश्न फीका, जानिए क्यों?

बेथलहम (Bethalam) सिटी में लगातार दूसरे साल क्रिसमस (Christmas) की तैयारी कोरोना वायरस से प्रभावित हुई है. ईसा मसीह (Jesus Christ) के जन्मस्थान में शुक्रवार को लोगों की कम भीड़ रही और जश्न भी पहले जैसा नहीं दिखा.

फोटो: (सोशल मीडिया)

बेथलहम: बेथलहम शहर में लगातार दूसरे वर्ष क्रिसमस की तैयारी कोरोना वायरस से प्रभावित हुई है. प्रभु ईसा मसीह के जन्मस्थान में शुक्रवार को लोगों की कम भीड़ रही और जश्न भी पहले जैसा नहीं है. पूर्व की तुलना में सीमित संख्या में संगीतकारों ने ड्रम और बैगपाइप वाद्य यंत्र बजाते हुए बेथलहम की तरफ मार्च किया और इस दौरान भीड़ में भी कम लोगों की मौजूदगी थी.

  1. क्रिसमस का जश्न फीका
  2. ओमीक्रॉन की दहशत 
  3. बेथलहम में नहीं उमड़ी भीड़

अंतरराष्ट्रीय सैलानियों ने किया परहेज

इजराइल ने बाहर से आने वाली लगभग सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया है. वेस्ट बैंक जाने वाले विदेशी आगंतुकों के लिए यही मुख्य प्रवेश बिंदु है. इसके चलते लगातार दूसरे साल अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों ने यहां आने से परहेज किया है. यह प्रतिबंध कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार को धीमा करने के लिए है, जिसने दुनिया भर में क्रिसमस समारोह को प्रभावित किया है.

बेथलहम के मेयर, एंटोन सलमान ने कहा कि शहर आशावादी है कि 2021 पिछले साल के क्रिसमस से बेहतर होगा, जब स्थानीय निवासी भी लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण घर पर रहे थे. सलमान ने कहा, ‘पिछले साल, त्योहार डिजिटल तरीके से मनाया गया था लेकिन इस साल यह लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी के साथ होगा.’

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पुलिस ने स्काउट बैंड के मांगेर स्क्वायर से मार्च करने से पहले शुक्रवार तड़के बैरिकेड लगा दिए थे. स्काउट बैंड का यह मार्च यरुशलम से रोमन पादरी पियरबतिस्ता पिज्जाबल्ला के इस पवित्र भूमि पर आगमन से पहले किया गया. पिज्जाबल्ला पास के चर्च ऑफ़ द नैटिविटी में रात की विशेष प्रार्थना में शामिल होंगे. वहीं पर वह जगह स्थित है जिसके बारे में ईसाइयों का मानना है कि यीशु का जन्म हुआ था.

'कोविड खत्म होने की दुआ'

यरुशलम से रवाना होने से पहले पिज्जाबल्ला ने कहा, ‘मुझे आशा है कि यह कोविड अब खत्म हो जाएगा.’ उन्होंने यात्रा के दौरान शुभचिंतकों का अभिवादन किया. चर्च में प्रवेश से पहले पिज्जाबल्ला ने कहा, ‘पिछला साल बहुत निराशाजनक था. इस बार कुछ लोग दिख रहे हैं. खुशियां आई हैं. अगर शत-प्रतिशत नहीं तो 90 फीसदी स्थिति पहले की तरह है. सबको क्रिसमस की बधाई.’

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महामारी के पहले बेथलहम में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हजारों ईसाई श्रद्धालु आते थे जिससे शहर में जश्न का माहौल रहता था और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी इससे बढ़ावा मिलता था.

'भीड़ कम हुई उत्साह नहीं'

यरुशलम में ब्रिटिश वाणिज्य दूतावास में काम करने वाले बिली स्टुअर्ट ने इस बार आयोजित संगीत परेड के बारे में कहा कि सीमित स्तर पर आयोजन के बावजूद भीड़ काफी उत्साहित थी. उन्होंने कहा, ‘परेड को देखना अदभुत अनुभव था और मुझे अंदाजा नहीं था कि इतने सारे संगीत वादक इसमें हिस्सा लेंगे.’

बेथलहम में 2,00,000 से ज्यादा इसाई रहते हैं जो कि इजराइल और कब्जे वाले वेस्ट बैंक की कुल आबादी का महज एक या दो प्रतिशत है. हजारों विदेशी श्रमिक और अफ्रीकी प्रवासियों के साथ राजयनयिक समेत अन्य लोग यहां क्रिसमस मनाते हैं.

(भाषा इनपुट के साथ )

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