अमेरिका के अल्बामा राज्य में पिछले 28 साल से योग (Yoga) पर प्रतिबंध लगा हुआ है. वहां के रुढ़िवादी ईसाइयों का कहना है कि योग करने से हिंदू धर्म को बढ़ावा मिलता है.
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वाशिंगटन: अमेरिकी राज्य अल्बामा (Alabama) में योग (Yoga) पर प्रतिबंध फिलहाल जारी रहेगा. अल्बामा राज्य ने योग संबंधी उस विधेयक को पारित होने से रोक दिया है, जिससे सरकारी स्कूलों में योग पर लगे प्रतिबंध को हटाने की संभावना बन रही थी.
मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक यह कदम रूढ़िवादी ईसाई (Orthodox Christian) समूहों की उस आपत्ति के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने आशंका जताई थी कि योग की आड़ में हिंदू (Hindu) धर्म के अनुयायी ईसाइयों का धर्मांतरण करवा सकते हैं.
बताते चलें कि रूढ़िवादी समूहों के दबाव पर अलबामा (Alabama) शिक्षा बोर्ड ने वर्ष 1993 में राज्य के सरकारी स्कूलों में योग (Yoga) , सम्मोहन और ध्यान विद्या पर प्रतिबंध लगा दिया था. तब से वहां पर योग पर बैन लगा हुआ है. इस बैन को हटाने के लिए पिछले साल मार्च में अलबामा प्रतिनिधि सभा ने 17 के मुकाबले 84 मतों से ‘योग विधेयक’ को पारित किया था.
विधेयक को कानून का रूप देने के लिए उसे राज्य की सीनेट में पेश किया गया लेकिन वहां के रुढ़िवादी ईसाई (Orthodox Christian) नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया. टस्कलूसा न्यूज डॉट कॉम की खबर के मुताबिक अलबामा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रॉय मूरे के फाउंडेशन फॉर मॉरल लॉ और दूसरे रूढ़िवादी ईसाइयों ने इस विधेयक पर ऐतराज जताया. रूढिवादियों ने दावा किया कि इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद राज्य के सरकारी स्कूलों में धर्मांतरण बढ़ेगा.
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विधेयक का विरोध करते हुए, रूढ़िवादी ईसाई नेता बेक्की गेरिटसन ने कहा कि योग (Yoga) हिंदू धर्म का बड़ा हिस्सा है. ऐसे में योग से प्रतिबंध हटने से देश में हिंदू धर्म को बढ़ावा मिलेगा. खबरों के मुताबिक ईसाई समूह विधेयक का यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि इससे स्कूलों में हिंदू धर्म व्यवहार में आ जाएगा और बच्चे अपने धर्म से भटक जाएंगे.
वहीं, विधेयक को पेश करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक जेरेमी ग्रे ने इस धारणा का खंडन किया कि हिंदू धर्म के अनुयायी इससे धर्मांतरण करने लगेंगे. उन्होंने रूढिवादी ईसाइयों का विरोध करते हुए कहा, 'मैं तकरीबन 10 साल से योग (Yoga) कर रहा हूं. मैंने पांच साल तक कक्षाओं में योग सिखाया है. मैं आपको यह भी बताता हूं कि मैं अब भी हर रविवार बैप्टिस्ट चर्च जाता हूं.'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस विधेयक का लक्ष्य अलबामा के सरकारी स्कूलों में योग को एक ऐच्छिक विषय के तौर पर चुनने का विकल्प देना था. इस विधेयक के कानून बनने से 28 वर्ष पुराने प्रतिबंधों की समाप्ति हो जाती. हालांकि रूढ़िवादी ईसाइयों (Orthodox Christian) के तीखे इस विरोध के बाद सीनेट की न्यायिक समिति ने इस विधेयक पर आगे की कार्रवाई फिलहाल रोक दी है.
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खबर है कि दोनों पक्षों में जारी बहस के बीच सीनेट न्यायिक समिति के अध्यक्ष टॉम व्हाटले इस मामले पर फिर से विचार करने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने संकेत दिया है कि वे इस विधेयक को फिर से सीनेट में पेश कर सकते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि इस विधेयक पर नजदीकी भविष्य में सीनेट में मतदान हो सकता है.