Zee जानकारी: प्लास्टिक प्रदूषण से हर साल होता है 90 हजार करोड़ का नुकसान
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Zee जानकारी: प्लास्टिक प्रदूषण से हर साल होता है 90 हजार करोड़ का नुकसान

Zee जानकारी: प्लास्टिक प्रदूषण से हर साल होता है 90 हजार करोड़ का नुकसान

प्लास्टिक का कचरा, नदियों से होते हुए समुद्र तक पहुंच जाता है. जहां समुद्र की लहरें इस कचरे को बाहर नहीं जाने देतीं और समुद्र में किसी एक जगह पर ये कचरा जमा हो जाता है. दुनिया भर के महासागरों में इस वक्त ऐसे ही बड़े-बड़े कूड़े के ढेर बन गए हैं. प्लास्टिक खाने के बाद समुद्री जीवों का पेट हमेशा भरा-भरा रहता है. क्योंकि वो प्लास्टिक को पचा नहीं पाते. इस भूल में ये जीव जंतु खाने की तलाश नहीं करते और आखिरकार मर जाते हैं.

इसी तरह समुद्र में रहने वाले छोटे जीव प्लास्टिक के इन कणों को भोजन समझ लेते हैं. फिर इन जीवों को बड़ी मछलियां खाती हैं और फिर ये मछलियां इंसानों के खाने में इस्तेमाल होती है. यानी प्लास्टिक वाला जो कचरा इंसान समुद्र में फेंक देता है वो वापस इंसानों के खाने की टेबल तक पहुंच जाता है.

प्लास्टिक को ठिकाने लगाने का सबसे आसान तरीका है. उसे recycling के लिए भेज देना. जहां इस प्लास्टिक कचरे को Compress कर दिया जाता और फिर पिघलाकर प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण बना लिए जाते हैं. इन्हीं कणों से प्लास्टिक की वस्तुएं दोबारा बनाई जाती हैं.

पूरी दुनिया में हर साल जितना प्लास्टिक फेंका जाता है, उसे एक साथ जोड़ दिया जाए तो उससे पृथ्वी के 4 चक्कर लगाए जा सकते हैं. समुद्र की सतह पर प्रति वर्ग किलोमीटर के इलाके में प्लास्टिक की 3 लाख से ज्यादा वस्तुएं पायी जाती हैं. एक नए रिसर्च के मुताबिक वर्ष 2050 में दुनिया भर के समुद्रों में प्लास्टिक की मात्रा मछलियों से ज़्यादा हो जाएगी. प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण से पूरी दुनिया में हर साल 90 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान होता है. 

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