Aaj Ka Panchang 17 October: आज है तुला संक्रांति, जानिए अहोई अष्टमी पर शुभ मुहूर्त, राहुकाल व नक्षत्र

Aaj Ka Panchang 17 october: आज तुला संक्रांति है. सनातन धर्म में तुला संक्रांति का विशेष महत्व माना गया है. भगवान सूर्य देव के तुला राशि में प्रवेश करने को ही तुला संक्रांति कहा जाता है. देश के कई राज्यों में तुला संक्रांति का पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 17, 2022, 08:12 AM IST
  • नदियों में स्नान आज शुभकारी
  • जातकों को मिलता आशीर्वाद
 Aaj Ka Panchang 17 October: आज है तुला संक्रांति, जानिए अहोई अष्टमी पर शुभ मुहूर्त, राहुकाल व नक्षत्र

नई दिल्लीः Aaj Ka Panchang आज तुला संक्रांति है. सनातन धर्म में तुला संक्रांति का विशेष महत्व माना गया है. भगवान सूर्य देव के तुला राशि में प्रवेश करने को ही तुला संक्रांति कहा जाता है. देश के कई राज्यों में तुला संक्रांति का पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.

नदियों में स्नान शुभकारी
तुला संक्रांति और सूर्य के तुला राशि में रहने वाले इस माह में पवित्र जलाशयों और नदी में स्नान करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है. इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें, यदि कहीं न जा पाएं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें.

जातकों को मिलता आशीर्वाद
इसके बाद सूर्य देवता की विधिवत पूजा-अर्चना करके जरूरतमंदों को लाल रंग की वस्तुएं दान करें. मान्यता है कि ऐसा करने से सूर्य देवता और महालक्ष्मी दोनों ही अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जातकों को धन-धान्य का आशीर्वाद देते हैं.

आज का पंचांग
कार्तिक - कृष्ण पक्ष - सप्तमी तिथि 09.30 बजे तक, इसके उपरांत अष्टमी तिथि - सोमवार
नक्षत्र- पुनर्वसु नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- शिव योग

चंद्रमा का मिथुन के उपरांत कर्क राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.49 बजे से 12.35 बजे तक
राहु काल - 07.54 बजे से 09.20 बजे तक

त्योहार - तुला संक्रांति, अहोई अष्टमी

गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
तुला संक्रांति के दिन माता महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विशेष विधान है. मान्यता है कि अगर इस दिन सपरिवार माता लक्ष्मी की पूजा-उपासना करके उन्हें चावल अर्पित किए जाएं तो जीवन में कभी भी अनाज और धन की तंगी नहीं झेलनी पड़ती है.

आचार्य विक्रमादित्य की भविष्यवाणी
तुला संक्रांति के बाद वैश्विक रोग का भय दूर होगा, आंधियां चलेंगी. व्यापार में उन्नति होगा. देश की जीडीपी में सुधार के संकेत हैं.

सूर्य गोचर
तुला संक्रांति के ही समय धान की फसल पूरी तरह पक जाती है. यही वजह है कि कई प्रदेशों में इस दिन किसान माता महालक्ष्मी को ताजे धान जरूर अर्पित करते हैं. इसके बाद माता से प्रार्थना की जाती है कि महालक्ष्मी मां फसल को सूखा, बाढ़, कीट और बीमारियों से बचाएं और हर साल अधिक से अधिक फसल दें.

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