नई दिल्ली Guru Purnima 2023: भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा विशेष महत्व रखता है. यह पर्व पूरे देश में ख़ास धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इसे हर साल आषाढ़ मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन विद्यार्थियों, शिष्यों, विद्वानों, और धर्मगुरुओं का आदर्श बनाया जाता है. इस दिन लोग अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा और मार्गदर्शन के लिए उन्हें प्रणाम करते हैं. आइए जानी मानी ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ आचार्य माना अग्रवाल जी से जानें गुरु दोष दूर करने के उपाय.
गुरु पूर्णिमा का महत्व
सनातन धर्म में पहले गुरु के रूप में महर्षि व्यास को माना जाता है. महर्षि व्यास ने वेदों को संग्रहित किया और महाभारत का निर्माण किया. उन्होंने ज्ञान का प्रचार और प्रसार करने के लिए सदैव प्रयास किया और सनातन धर्म के गुरु के रूप में उनकी महानता और महत्त्व को आदर्श माना जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन उनकी पूजा-अर्चना विशेष ध्यान द्वारा की जाती है.
गुरु का जीवन में होता अहम योगदान
गुरु पूर्णिमा हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है. यह हमें ज्ञान के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है और हमें आत्मविश्वास, संस्कार और धार्मिकता में वृद्धि करने में मदद करता है. गुरु हमारे जीवन में अनमोल दान हैं, जो हमें शिक्षा, ज्ञान, और आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा देते हैं. गुरु पूर्णिमा पर हमें अपने गुरुओं का आभार व्यक्त करना चाहिए और उनकी शिक्षा और मार्गदर्शन को सम्मानित करना चाहिए.
वेदिक ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. गुरु हमें ज्ञान, बुद्धि, समझ, और धार्मिकता की प्राप्ति में मदद करता है. यदि किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में गुरु दोष होता है, तो उसके जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
गुरु पूर्णिमा पर गुरु के दोष को दूर करने के लिए कुछ सरल उपाय हैं:
गुरु मंत्र का जाप करें: "ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः" मंत्र का जाप करने से गुरु के दोष दूर हो सकते हैं.
गुरु की पूजा करें: गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा करने से गुरु का आशीर्वाद मिलता है.
गुरु की मूर्ति, प्रतिमा या फोटो को पूजनीय स्थान पर स्थापित करें और उन्हें ध्यान दें.
गुरु को दान दें: गुरु पूर्णिमा पर गुरु को दान देने से उनकी कृपा मिलती है. धन, वस्त्र, या अन्य आवश्यकताओं का दान करें.
गुरुवार को व्रत रखें: गुरुवार को व्रत रखने से गुरु के दोष का प्रभाव कम हो सकता है. इस दिन गुरु की पूजा करें और उनके चरणों में प्रणाम करें.
गुरु पूर्णिमा एक महान पर्व है जो हमें गुरु-शिष्य संबंध की महत्ता और आदर्शों का महत्त्व याद दिलाता है. यह हमें अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर देता है और हमें जीवन में सच्चे ज्ञान की खोज करने के लिए प्रेरित करता है. इस गुरु पूर्णिमा पर, हमें गुरु के आदर्शों का पालन करते हुए आत्मविश्वास, शिक्षा, और सामर्थ्य में वृद्धि करनी चाहिए. यह हमारे जीवन को समृद्धि, समान्यता और समृद्धि की ओर ले जाता है.
इस गुरु पूर्णिमा ३ जुलाई २०२३ पर, हमें गुरुओं के आदर्शों का पालन करना चाहिए और उनकी कृपा और मार्गदर्शन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहिए. यह हमारे जीवन में आनंद, सफलता, और स्वयं-विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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