Jyotish Upay: शुक्र का मिथुन राशि में प्रवेश, 12 राशियों पर क्या होगा असर? जानिये उपाय

ऐश्वर्य और दाम्पत्य सुख का कारक शुक्र का मिथुन राशि में प्रवेश हो रहा है. आइए जानते हैं, शुक्र के इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है. साथ यह भी जानते हैं कि इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या उपयुक्त उपाय किए जा सकते हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 15, 2022, 06:44 AM IST
  • शुक्र का मिथुन राशि में गोचर- तिथि व समय
  • जानिये सभी 12 राशियों पर क्या होगा असर
Jyotish Upay: शुक्र का मिथुन राशि में प्रवेश, 12 राशियों पर क्या होगा असर? जानिये उपाय

नई दिल्ली: शुक्र का मिथुन राशि में गोचर 13 जुलाई, 2022 को हुआ और 7 अगस्त, 2022 तक यानी कि कर्क राशि में प्रवेश करने तक इसी राशि में स्थित रहेगा. आइए जानते हैं, शुक्र के इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है. साथ यह भी जानते हैं कि इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए क्या उपयुक्त उपाय किए जा सकते हैं.

हिन्दू ज्योतिष में शुक्र को माना गया है शुभ ग्रह

कला, प्रेम और वैवाहिक सुख का कारक शुक्र ग्रह आज मिथुन राशि में गोचर करेगा. हिन्दू ज्योतिष में शुक्र को शुभ ग्रह माना गया है. शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है. शुक्र ग्रह मीन राशि में उच्च माना जाता है वहीं कन्या राशि में नीच का माना जाता है.

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र एक स्त्री स्वभाव का ग्रह है. जिसे प्रेम, रोमांस, भोग-विलास, सौंदर्य, फैशन डिज़ाइनिंग, कला, वैवाहिक सुख आदि का कारक माना जाता है. शुक्र की गोचर अवधि 23 दिन होती है अर्थात शुक्र एक राशि में 23 दिनों तक स्थित रहता है.

विलासिता की वस्तुओं की खरीदारी करना फायदेमंद

वैदिक ज्योतिष में शुक्र विवाह के लिए सबसे प्रमुख माना जाता है. साथ ही, यह किसी पुरुष की जन्म कुंडली में महिला का कारक होता है. शुक्र धन और विलासिता का प्रतीक है.

ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति विलासिता की वस्तुओं की खरीदारी करता है तो उस पर शुक्र ग्रह की कृपा होती है इसलिए विलासिता और महंगी वस्तओं का स्वामित्व शुक्र ग्रह को प्राप्त है.

जिन लोगों की जन्मकुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है उनका भौतिक जीवन सुखमय होता है और उनकी लाइफ में प्रेम और सुख की भी कोई कमी नहीं होती. शुक्र की प्रत्येक गतिविधि काफी अहमियत रखती है. शुक्र ग्रह हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव रखता है,

लगभग हर दूसरे व्यक्ति की जन्म कुंडली में एक या इससे अधिक वक्री ग्रह पाये जाते हैं तथा ज्योतिष में रूचि रखने वाले अधिकतर लोगों के मन में यह जिज्ञासा बनी रहती है कि उनकी कुंडली में वक्री बताए जाने वाले इस ग्रह का क्या मतलब हो सकता है. वक्री ग्रहों को लेकर भिन्न-भिन्न ज्योतिषियों तथा पंडितों के भिन्न-भिन्न मत हैं.

मिथुन राशि में शुक्र का प्रभाव

आप हमेशा दूसरों को ये दिखाना चाहते हैं कि आप कितने ज्ञानी हैं. आपको झुकना पसंद नहीं होता है एवं आप नीरस रिश्तों में रहना बिलकुल पसंद नहीं करते हैं. आप अपने रिलेशनशिप में बहुत गंभीर रहना नहीं चाहते हैं और आप बड़ी चालाकी से गंभीर मुद्दों से बच निकलते हैं.

आपको वो लोग बहुत अच्घ्छे लगते हैं जो आपकी बुद्धि की तारीफ करते हों. प्यार के मामले में आप थोड़े फ्लर्टी हो सकते हैं. आप किताबों, गैजेट्स और खबरों पर पैसे खर्च करते हैं.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र के गोचर से नौकरीपेशा जातक को जीवन में सफलता मिलेगी. लाभ के कई अवसर मिलेंगे, विदेशी कंपनियों में काम करने वाले लोगों के लिए यह गोचर विशेष फलदायी साबित होगा.

अगर आप किसी यात्रा पर जा रहे हैं तो यह भी फायदेमंद हो सकता है. किसी के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं तो लाभ की संभावना है. इस दौरान सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे.

पत्नी, प्रेम, विवाह समेत इन कामों का प्रतीक है शुक्र

शुक्र, पत्नी, प्रेम, विवाह, विलासिता, समृद्धि, सुख, आभूषण, वाहन, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून और काम का प्रतीक है, संसार की सभी सुख देनी वाली चीजों का कारक है.

शुक्र के संयोग से ही लोगों को इंद्रियों पर संयम मिलता है और नाम व ख्याति पाने के योग्य बनते हैं.

शुक्र के दुष्प्रभाव से त्वचा रोग, यौन समस्याएं, अपच, कील-मुहासे, मधुमेयरोग, नपुंसकता, क्षुधा की हानि और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं. शुक्र ग्रह का जीवन में महत्वपूर्ण रोल होता है.

यदि शुक्र बलवान है तो लगभग हर भौतिक सुख की प्राप्ति होती है और यदि नीच का है या कमजोर है तो शारीरिक दुर्बलता, विवाह में देरी, गुप्त सम्बन्धों से बदनामी, मूत्र सम्बन्धी बीमारियॉ होना व प्रेम के मामलों असफलता ही हाथ लगने लगती हैं.

शुक्र ग्रह को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है. वहीं मीन राशि में यह उच्च का और कन्या राशि में नीच का होता है, शनि, बुध और राहु-केतु शुक्र के मित्र ग्रह हैं.

वक्री शुक्र का प्रभाव

वक्री होने पर शुक्र के शुभ या अशुभ फल देने के स्वभाव में कोई अंतर नहीं आता अर्थात किसी कुंडली विशेष में सामान्य रूप से शुभ फल देने वाले शुक्र वक्री होने की स्थिति में भी उस कुंडली में शुभ फल ही प्रदान करेंगे तथा किसी कुंडली विशेष में सामान्य रूप से अशुभ फल देने वाले शुक्र वक्री होने की स्थिति में भी उस कुंडली में अशुभ फल ही प्रदान करेंगे किन्तु वक्री होने से शुक्र के व्यवहार में कुछ बदलाव अवश्य आ जाते हैं.

वक्री शुक्र आम तौर पर कुंडली धारक को सामान्य से अधिक संवेदनशील बना देते हैं तथा ऐसे लोग विशेष रूप से अपने प्रेम संबंधों तथा अपने जीवन साथी को लेकर बहुत भावुक, तथा अधिकार जताने वाले होते हैं.

पुरुषों की जन्म कुंडली में स्थित वक्री शुक्र जहां उन्हें अति भावुक तथा संवेदनशील बनाने में सक्षम होता है वही पर महिलाओं की जन्म कुंडली में स्थित वक्री शुक्र उन्हें आक्रमकता प्रदान करता है.

यह भी पढ़ें: Today Horoscope 2022: मेष वालों को मिलने वाली है ये खुशी, जानिए मेष, वृष, कर्क, तुला, मीन का कैसा रहेगा शुक्रवार

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़