नवरात्रि में ध्यान रखें वास्तु के ये खास टिप्स, दूर होगी निगेटिविटी; घर में बढ़ेगी सुख-समृद्धि

Vastu Upay: धर्म ग्रंथों के अनुसार, मां दुर्गा की कृपा से जीवन में भय, विघ्न और शत्रुओं का नाश होकर सुख-समृद्धि आती है. जिन घरों में वास्तु दोष हो वहां सुख-शांति के लिए देवी मां की पूजा से घर के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं, वहां मौजूद सभी बुरी शक्तियां भाग जाती हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 6, 2022, 05:54 AM IST
  • इन उपायों से दूर होगी निगेटिविटी
  • घर में ऐसे बढ़ेगी सुख-समृद्धि
नवरात्रि में ध्यान रखें वास्तु के ये खास टिप्स, दूर होगी निगेटिविटी; घर में बढ़ेगी सुख-समृद्धि

नई दिल्ली: हिंदू धर्म के मानने वाले सभी लोग माता की आराधना में व्यस्त है. जिन घरों में वास्तु दोष हो वहां सुख-शांति के लिए देवी मां की पूजा से घर के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं, वहां मौजूद सभी बुरी शक्तियां भाग जाती हैं.

धर्म ग्रंथों के अनुसार, मां दुर्गा की कृपा से जीवन में भय, विघ्न और शत्रुओं का नाश होकर सुख-समृद्धि आती है. जिन घरों में वास्तु दोष हो वहां सुख-शांति के लिए देवी मां की पूजा से घर के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं, वहां मौजूद सभी बुरी शक्तियां भाग जाती हैं.

नवरात्रि में इन बातों का ध्यान रखने से घर की निगेटिविटी खत्म हो सकती है-

1. वास्तु विज्ञान के अनुसार ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में माता रानी की पूजा करने से उपासक को पूजा का पूर्ण फल मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है.

2. कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है. कलश में सभी ग्रह, नक्षत्रों एवं तीर्थों का वास होता है. वास्तु के अनुसार ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) जल एवं ईश्वर का स्थान माना गया है और यहां सर्वाधिक सकारात्मक ऊर्जा रहती है. इस दिशा में कलश रखने से जल तत्व से जुड़े वास्तुदोष दूर होकर सुख-समृद्धि आती है.

3. देवी मां का क्षेत्र दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिशा माना गया है इसलिए यह ध्यान रहे कि पूजा करते वक्त आराधक का मुख दक्षिण या पूर्व में ही रहे.

4. वास्तु में शक्ति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाने वाली पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से हमारी प्रज्ञा जागृत होती है एवं दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से आराधक को मानसिक शांति अनुभव होती है,घर के क्लेशों का नाश होता है.

5. नवरात्रि में दुर्गा मां की पूजा-अनुष्ठान के दौरान पूजन कक्ष एवं मुख्य द्वार पर आम या अशोक के हरे-हरे पत्तों की बंदनवार लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती, ध्यान रहे बंदनवार सूखने पर तुरंत दूसरी बांध दें.

6. मातारानी की पूजा करते समय अखंड दीप को पूजा स्थल के आग्नेय यानि दक्षिण-पूर्व में रखना शुभ होता है क्योंकि यह दिशा अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करती है, ऐसा करने से आग्नेय दिशा के वास्तुदोष दूर होकर घर में रुका हुआ धन प्राप्त होता है.

7. नवरात्रि के दिनों में संध्याकाल के समय पूजन स्थल पर शुद्ध घी का दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बुरी शक्तियां दूर भागती हैं. घर के सदस्यों को प्रसिद्धि मिलती है व रोग एवं क्लेश दूर होते हैं.

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