Palmistry Bhagya Rekha हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हाथों की रेखाएं किसी व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं को बताती हैं. वैसे तो हथेली की हर एक रेखा बहुत खास होती है, लेकिन भाग्य रेखा जातक की हथेली पर मौजूद सबसे महत्वपूर्ण रेखाओं में से एक है. भाग्य रेखा एक सीधी रेखा होती है जो हथेली के आधार से तर्जनी या मध्यमा उंगली के पास ऊपर तक जाती है. इसे शनि रेखा के नाम से भी जाना जाता है.
अन्य रेखाओं के साथ भाग्य रेखा का संबंध
जीवन रेखा से संबंध
यदि भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ होती है तो यह दर्शाती है कि व्यक्ति अपार ऊर्जा से भरा हुआ है. उनकी मेहनत से वर्तमान सामाजिक स्थिति में वृद्धि होगी.
मस्तिष्क रेखा से संबंध
जिन लोगों की भाग्य रेखा मस्तिष्क से शुरू होती है उन्हें 35 वर्ष की आयु के बाद सफलता मिलने की संभावना होती है. इससे पहले उन्हें कठिनाइयों और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
जीवन रेखा से घिरी हुई
यदि भाग्य रेखा हृदय रेखा पर समाप्त होती है तो आपका भावनात्मक पक्ष आपके करियर या व्यवसाय को प्रभावित करने वाला होता है.
मस्तिष्क रेखा को छूती
जिन लोगों की भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा को छूती है, ऐसे लोग गलत निर्णय के कारण और प्रतिभाशाली होने के बावजूद आपना काम पूरा नहीं कर पाते.
ह्रदय रेखा तक जाती
यदि भाग्य रेखा ह्रदय रेखा तक जाती हुई प्रारंभ में टूट जाए तो 40 वर्ष के बाद व्यक्ति का सौभाग्य और भाग्य फीका पड़ जाता है. लेकिन 55 वर्ष के बाद फिर से भाग्य जागने की संभावना होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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