Paush Purnima 2024: पौष पूर्णिमा... जल्दी से कर लें ये उपाय, आर्थिक तंगी से लेकर घर के क्लेश तक से मिल जाएगा छुटकारा

सनातन धर्म में पूर्णिमा का बहुत ही शुभ महत्व माना जाता है. एक साल में 12 पूर्णिमा मनाई जाती है. बता दें कि इस साल गुरुवार 25 जनवरी के दिन पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी. पौष पूर्णिमा माता लक्ष्मी को समर्पित होती है, इस दिन मां लक्ष्मी के सभी रूप जाग्रत होते हैं.

Written by - Ansh Raj | Last Updated : Jan 24, 2024, 11:13 AM IST
Paush Purnima 2024: पौष पूर्णिमा... जल्दी से कर लें ये उपाय, आर्थिक तंगी से लेकर घर के क्लेश तक से मिल जाएगा छुटकारा

Paush Purnima 2024: सनातन धर्म में पूर्णिमा का बहुत ही शुभ महत्व माना जाता है. एक साल में 12 पूर्णिमा मनाई जाती है. बता दें कि इस साल गुरुवार 25 जनवरी के दिन पौष पूर्णिमा मनाई जाएगी. पौष पूर्णिमा माता लक्ष्मी को समर्पित होती है, इस दिन मां लक्ष्मी के सभी रूप जाग्रत होते हैं. पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए विधि विधान से व्रत रखा जाता है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि कैसे आप पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद ले सकते हैं.

25 जनवरी गुरुवार के दिन पौष पूर्णिमा की शुभ तिथि है. इस दिन कुछ ऐसे विशेष जगह हैं, जहां पर जाकर स्नान करने का बड़ा महत्व बताया गया है. इसके अलावा शास्त्रों में इस दिन कुछ उपाय के बारे में भी बताया है. आइए नजर डालते हैं पौष पूर्णिमा के दिन उन उपायों पर, जिनसे मां लक्ष्मी खुश होती है...

पौष पूर्णिमा 
पौष पूर्णिमा के दिन सबसे पहले स्नान कर और स्वच्छ वस्त्र पहनकर मां लक्ष्मी को इत्र लगाएं और इसके बाद सुगंधित अगरबत्ती से जलाएं. इसके बाद माता लक्ष्मी का ध्यान लगाकर परिवार के लिए और सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें. इसके अलावा पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को कुछ रुपये पर हकल्दी का तिलक लगाएं और मानता को अर्पित कर दें. अगले दिन इन रुपयों को उठाकर अपने घर की तिजोरी में रख लें. इससे आपके घर की दरिद्रता नहीं आएगी और आपकी आर्थिक तंगी भी खत्म हो जाएगी.

आर्थिक तंगी होगी खत्म
पौष पूर्णिमा के दिन पर एक पीपल का पत्ते लें और इसके कलावे से बांधकर लाल कपडें में लपेटकर घर की तिजोरी में रख दें. तिजोरी में लाल कपड़े में लिपटे पीपल के पत्ते को रखते हुए मां लक्ष्मी का मंत्र ( ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:') का जाप करना न भूलें. आपको इस उपाय को करने के बाद एक बात का और ख्याल रखना है कि पौष पूर्णिमा के बाद आने वाले पांचवें शुक्रवार तक तिजोरी में रखे पीपल के पत्ते को बदल दें. वहीं सूखें हुए पत्ते हुए गंगा और अन्य पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें. 

डिस्क्लेमर 
सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. ZeeHindustan इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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