पूर्व दिशा में अस्त होने जा रहा शुक्र ग्रह, वैवाहिक जीवन पर पड़ेगा ये नकारात्मक प्रभाव

Shukra asta 2022: जातक की कुंडली में दूसरे, तीसरे, सातवें और बारहवें भाव में बैठा शुक्र अच्छे परिणाम देता है, लेकिन जब यह छठे या फिर आठवें भाव में हो तो इसके नकारात्मक प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 30, 2022, 01:48 PM IST
  • भौतिक सुखों का कारक माना जाता है शुक्र
  • शुक्र के मित्र ग्रह माने जाते हैं बुध और शनि
पूर्व दिशा में अस्त होने जा रहा शुक्र ग्रह, वैवाहिक जीवन पर पड़ेगा ये नकारात्मक प्रभाव

नई दिल्ली. वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुंदरता, संगीत, नृत्य व अन्य प्रकार की कलात्मक प्रतिभा, काम-वासना एवं सभी प्रकार के भौतिक सुखों का कारक माना जाता है. यह वृषभ और तुला राशि का स्वामी है. जो मीन राशि में उच्च का जबकि कन्या राशि में यह नीच का होता है. बुध और शनि ग्रह शुक्र राशि के मित्र ग्रह माने जाते हैं. जबकि सूर्य ग्रह और चंद्र ग्रह इसके शत्रु ग्रह हैं. कोई भी ग्रह अपने शत्रु ग्रह के साथ कमज़ोर अवस्था में होता है. जबकि मित्र ग्रहों के साथ युति करने पर बली होता है. वहीं नक्षत्रों में शुक्र ग्रह को भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है.

जब किसी जातक की कुंडली में शुक्र उसके दूसरे, तीसरे, सातवें और बारहवें भाव में होता है तो यह बली होकर अच्छे परिणाम देता है. वहीं इसके विपरीत अगर यह छठे या फिर आठवें भाव में हो तो यह कमज़ोर होता है और इसके नकारात्मक प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ते हैं. अन्य भावों पर इसके प्रभाव सामान्य रूप से पड़ते हैं.
 
शुक्र के अच्छे प्रभाव के कारण जातक को जीवन में सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। व्यक्ति जीवन में प्रसिद्धि को प्राप्त करता है. उसके अंदर कलात्मक प्रतिभा का विकास होता है और उसके व्यक्तित्व में गजब का आकर्षण होता है जो विपरीत लिंग के व्यक्ति को अपनी तरफ़ खींचता है.

सेक्स लाइफ़ होती है अच्छी
शुक्र के अच्छे प्रभाव से व्यक्ति की सेक्स लाइफ़ अच्छी होती है, लेकिन अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमज़ोर या फिर पीड़ित हो तो इसके दुष्प्रभाव जातक के जीवन पर पड़ते हैं. इसके फलस्वरुप कील मुहांसों की समस्या, नपुंसकता, अपच, भूख ना लगना तथा त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

शुक्र के दुष्प्रभावों से ऐसे करें बचाव
जातक ज्योतिष उपायों के द्वारा न केवल शुक्र ग्रह के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं, बल्कि इन महा उपायों से शुक्र ग्रह को मजबूत भी बनाया जा सकता है. शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुक्र यंत्र को पूर्ण विधि विधान से स्थापित कर उसकी आराधना करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है. इसके साथ ही रत्नों में अमेरिकन डायमंड शुक्र ग्रह की मजबूती के लिए धारण किया जाता है. इसके अलावा शुभ फल पाने के लिए छः मुखी रुद्राक्ष, तेरह मुखी रुद्राक्ष या फिर अरंड मूल की जड़ी भी धारण कर जातक हर समस्या का निवारण कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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