Astrology: कनखियों से देखने वालों का ऐसा होता है स्वभाव, जानिए वे क्या सोचते हैं दूसरों के बारे में

Astrology: कई लोग कनखियों से देखते हैं. उनकी आंखें पूरी नहीं खुल पाती हैं. मतलब वे आंखों के कोरो से देखते हैं. हालांकि, कुछ ऐसे भी होते हैं जो जानबूझकर अपनी पूरी आंखें नहीं खोल पाते हैं और उन्हें ऐसे ही देखने की आदत हो जाती है. ऐसे में आचार्य विक्रमादित्य से जानिए इस तरह के लोगों के स्वभाव के बारे मेंः

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 10, 2022, 03:46 PM IST
  • मस्तिष्क में चलते रहता है कुछ न कुछ
  • मानसिक उलझनों में फंसे रहते हैं ऐसे लोग
Astrology: कनखियों से देखने वालों का ऐसा होता है स्वभाव, जानिए वे क्या सोचते हैं दूसरों के बारे में

नई दिल्लीः Astrology: कई लोग कनखियों से देखते हैं. उनकी आंखें पूरी नहीं खुल पाती हैं. मतलब वे आंखों के कोरो से देखते हैं. हालांकि, कुछ ऐसे भी होते हैं जो जानबूझकर अपनी पूरी आंखें नहीं खोल पाते हैं और उन्हें ऐसे ही देखने की आदत हो जाती है. ऐसे में आचार्य विक्रमादित्य से जानिए इस तरह के लोगों के स्वभाव के बारे मेंः

शांत स्वभाव के होते हैं ऐसे लोग
दरअसल, फरीदाबाद से सीमा मदान पूछती हैं कि कुछ लोग सिर्फ कनखियों से देखते हैं. इस तरह के लोगों का स्वभाव कैसा होता है. इस पर आचार्य बताते हैं कि बहुत से जातक ऐसे होते हैं, जिनकी आंखें पूरी तरह नहीं खुल पाती है. वहीं, कुछ लोग जानबूझकर भी पूरी आंखें नहीं खोलते हैं. इसके बाद उन्हें आदत पड़ जाती है उसी तरह देखने की.

मस्तिष्क में चलते रहता है कुछ न कुछ
कनखियों से देखने वाले लोग शांत स्वभाव के होते है, लेकिन उनके मन में हमेशा उथल-पुथल चलते रहती है. जब तक वह किसी को देखते रहते हैं उनके मस्तिष्क और उनकी आंखों के बीच सामंजस्य नहीं रहता है. उनके मस्तिष्क में कुछ और चलते रहता और दृष्टि में नफरत या प्रतिशोध जैसी झलक दिखती है.

मानसिक उलझनों में फंसे रहते हैं ऐसे लोग
हालांकि, ऐसा उनकी मानसिक उलझनों की वजह से भी दिखाई देता है. उनकी आंख खुलने के बाद उनकी मानसिक अस्थिरता भी झलकती है. उनका स्वभाव बेचैनी भरा होता है.

वे एक अजीब उधेड़बुन में फंसे रहते हैं. ऐसे लोगों का स्नायूमंडल निर्बल होता है. वह हमेशा मानसिक बीमारी के शिकार होते हैं.

कपूर को माना जाता है फायदेमंद
इसी तरह अमित पूछते हैं कि आए दिन नजला जुकाम उन्हें परेशान करता है. वह पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते हैं. क्या करें? इस पर आचार्य बताते हैं कि कपूर को चिकित्सा शास्त्र के अनुसार सौ से अधिक बीमारियों की दवा माना गया है, लेकिन नजले में इसे विशेष दवा माना गया है, क्योंकि इसको जलाने से जो धुआं वायु के द्वारा जिस व्यक्ति के पास पहुंचेगा, उसे अवश्य ही प्रभावित करेगा.

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