वास्तु शास्त्रः घर के मंदिर में भूलकर भी न लगाएं इस रंग का बल्ब

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र घर,भवन अथवा मंदिर निर्माण करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरूप माना जा सकता है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि वस्तुओं को किस प्रकार रखा जाए. ऐसे में आचार्य विक्रमादित्य से जानिए मंदिर में किस रंग का बल्ब लगाना चाहिए.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 3, 2022, 06:19 AM IST
  • पीले रंग का बल्ब लगा सकते हैं पूजा स्थल में
  • पूजा स्थल पर नीले रंग का बल्ब नहीं लगाएं
वास्तु शास्त्रः घर के मंदिर में भूलकर भी न लगाएं इस रंग का बल्ब

नई दिल्लीः Vastu Tips: वास्तु शास्त्र घर,भवन अथवा मंदिर निर्माण करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरूप माना जा सकता है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि वस्तुओं को किस प्रकार रखा जाए. ऐसे में आचार्य विक्रमादित्य से जानिए मंदिर में किस रंग का बल्ब लगाना चाहिए.

पीले रंग का बल्ब लगा सकते हैं पूजा स्थल में
बल्लभगढ़ से सुरेंद्र पाल लिखते हैं कि घर के मंदिर अथवा पूजा के स्थान में किस रंग का बल्ब लगाना चाहिए. इस पर आचार्य बताते हैं कि वास्तु के अनुसार घर के मंदिर में पीले रंग का बल्ब लगाना शुभ होता है. पीला रंग शुभता का प्रतीक है. इसलिए अपने पूजा कमरे में सात्विकता भरे वातावरण और शुभ फल के लिए आप पीले रंग की रोशनी वाले बल्ब का इस्तेमाल कर सकते हैं.

पूजा स्थल पर नीले रंग का बल्ब न लगाएं
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु का भी सबसे प्रिय रंग पीला ही है. यदि गौर करें तो आप लगभग सभी सात्विक चीजें जैसे भगवान की आरती की लौ का रंग, विष्णु भगवान को चढ़ाए जाने वाले अक्षत का रंग, पूजा के समय धारण किए जाने वाले वस्त्र का रंग, इत्यादि का रंग पीला ही होता है. पीला रंग सात्विक और सबसे उचित है. पूजा स्थल पर ब्लू रंग के बल्ब का कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

सीने में दर्द होने पर करें इस मुद्रा का अभ्यास
इसी तरह बिजनौर वे सुभाष नागर लिखते हैं कि उन्हें सीने में हमेशा दर्द बना रहता है. भोजन करते समय दर्द और ज्यादा महसूस होती है. क्या करें. कोई उपाय बतायें. इस पर आचार्य विक्रमादित्य बताते हैं कि आप नियमित तौर पर अपान वायु मुद्रा का अभ्यास करें. प्रतिदिन 15 मिनट इस मुद्रा का अभ्यास कीजिए.

अपान वायु मुद्रा के प्रभाव से दांत, मुंह, गले से से संबंधित बीमारियां जल्दी ठीक हो जाती है. इस मुद्रा का अभ्यास करके देखिए. और ठंडे पानी पीने से बचें. आपको आराम मिलेगा.

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