पालघर: संतों की क्रूर हत्या पर 'सेक्युलर गैंग' मौन क्यों? पढ़ें, 11 बड़ी बातें

पालघर साधुओं की हत्या मामले में नए-नए मोड़ सामने आ रहे हैं. सवाल ढ़ेर सारे हैं, लेकिन आपको इस मामले से जुड़ी 11 बड़ी बातों से रूबरू करवाते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 21, 2020, 04:29 AM IST
    1. संतों की हत्या शक या बड़ी साज़िश?
    2. संतों की क्रूर हत्या पर 'सेक्युलर गैंग' मौन क्यों?
    3. लॉकडाउन में कहां से आई जान लेने वाली भीड़?
पालघर: संतों की क्रूर हत्या पर 'सेक्युलर गैंग' मौन क्यों? पढ़ें, 11 बड़ी बातें

मुंबई: पालघर मॉब लिंचिंग पर गृह मंत्रालय ने मांगी महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट. सवाल वारदात की जगह NCP और CPM नेता की मौजूदगी पर भी उठ रहे हैं. संत समाज ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

पालघर मॉबलिंचिंग से जुड़ी अब तक की 11 बड़ी बातें

1). संत सुशील गिरि उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जनपद के मूल निवासी थे, उनकी माता ने कहा कि उनके पुत्र को न्याय मिलना चाहिए यही अपील है महाराष्ट्र व केंद्र की सरकार से दोषियों को फासी की सजा होनी चाहिए.

2). संघ ने बयान जारी कर इस पूरे घटनाक्रम को एक षड्यंत्र बताते हुए महाराष्ट्र सरकार से जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर कठोर सजा की मांग की है. साथ ही कड़े शब्दों में निंदा की है.

3). अखिल भारतीय संत समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा. मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. पत्र में हत्या के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई.

4). पालघर काशीनाथ चौधरी मामला - कासा पुलिस स्टेशन प्रभारी असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर काले के मुताबिक काशीनाथ चौधरी को पुलिस अपने साथ मदद के लिए घटनास्थल लेकर गई थी ताकि वो लोगों को समझाने में उनकी मदद कर सके.

5). एक तथ्य और सामने आया है की इस घटना के दो दिन पहले डॉक्टर्स की टीम पर भी हमला हुआ था.

6). उद्धव ठाकरे ने कहा है की इस मामले में किसी को छोड़ा नहीं जायेगा, आग लगाने की कोशिश न की जाये. फिलहाल अभी तक 110 लोग अरेस्ट किये गए हैं. घटना की जाँच सीआईडी कोसौंप दी गयी है और दो पुलिसकर्मी सस्पेंड हैं.

7). अमित शाह ने खुद इस मामले में महाराष्ट्र सीएम से बात की है और जल्द से जल्द महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब की है.

8). जानकारी के मुताबिक वहां पर करीब डेढ़ से दो हज़ार लोगों की भीड़ थी. आरोप यही लग रहे हैं कि इनमें ज़्यादातर लोग सीपीएम और एनसीपी के स्थानीय नेताओं द्वारा लाए गए थे. बताया जा रहा है कि भीड़ में काश्तकारी नाम के एक क्रिश्चियन मिशनरी संगठन के लोग भी थे.

9). आदिवासी बहुल पालघर कम्यूनिस्ट पार्टियों और इनके जैसे विचारों वाले दलों का गढ़ है. पालघर में जिस जगह पर साधुओं की मॉब लिंचिंग हुई, वो जगह पालघर की डहाणु विधानसभा के अंदर आती है.

10). बीजीपी नेताओं ने ट्वीट किया है की- स्थानीय लोगों के अनुसार वो शख़्स शरद पावर जी के NCP का ज़िला पंचायत सदस्य काशीनाथ चौधरी  है. उसके साथ विष्णु पातरा, सुभाष भावर और धर्मा भावर ये तीन CPM के पंचायत सदस्य भी वहां थे.

11). सीपीआई (एम्) ने ट्वीट किया है - "हम आरएसएस-बीजेपी नेताओं संबित पात्र, सुनील देवधर और अन्य लोगों द्वारा फैलाए जा रहे झूठ और झूठ की निंदा करते हैं. सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है. गडचिन्चले गांव, जहां ये हत्याएं हुई हैं, भाजपा ने आखिरी बार जीत हासिल की है. 10 साल"

सवालों के घेरे में NCP और CPM के नेता

साधुओं की हत्या के मामले में NCP और CPM के नेता सवालों के घेरे में हैं. बीजेपी नेता संबित पात्रा का कहना है कि मौके पर पालघर में NCP का ज़िला पंचायत सदस्य काशीनाथ चौधरी के अलावा CPM के पंचायत सदस्य विष्णु पात्रा, सुभाष भावर,धर्मा भावर भी मौजूद थे. हालांकि पुलिस ने काशीनाथ चौधरी की मौजूदगी को लेकर कहा है कि वो उन्हें मदद के लिये साथ ले गई थी ताकि भीड़ को समझाया जा सके.

वहीं बीजेपी ने सवाल पूछा  है कि जो पहले मोमबत्ती लेकर घूमते थे वो साधुओं की हत्या पर खामोश क्यों हैं? NCP नेता पर उठे सवाल पर कांग्रेस ने कहा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम से की बात

पालघर में मॉब लिंचिंग मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय हरकत में है. दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की. उद्धव ठाकरे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीआईडी को सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग की इस घटना में सांप्रदायिक जैसा कुछ भी नहीं है.

पालघर में संतों की हत्या से 48 घंटे पहले डॉक्टर की एक टीम पर इसी तरह का हमला हुआ था. अगर उस घटना से पुलिस ने सबक लिया होता तो ये शायद ये नौबत नहीं आती.

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पालघर में दो साधुओं की हत्या पर संतों ने नाराजगी जताई है. अखाड़ा परिषद ने कहा है कि अगर राज्य सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वो उसके खिलाफ आंदोलन करेगा. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.

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