चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर कल SC में होनी है सुनवाई, BJP में जा सकते हैं तीन AAP पार्षद

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मतपत्रों को विकृत करने को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. मगर इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. कहा जा रहा है कि तीन पार्षद बीजेपी के संपर्क में हैं. वे कभी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 18, 2024, 01:38 PM IST
  • पीठासीन अधिकारी पर हैं आरोप
  • कोर्ट में चलाया गया था वीडियो
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर कल SC में होनी है सुनवाई, BJP में जा सकते हैं तीन AAP पार्षद

नई दिल्लीः चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मतपत्रों को विकृत करने को लेकर दिए गए स्पष्टीकरण पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. मगर इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. कहा जा रहा है कि तीन पार्षद बीजेपी के संपर्क में हैं. वे कभी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

अगर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो जाते हैं, तो समीकरण बदल जाएंगे. अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा मेयर चुनाव कराने का निर्णय देता है तो भी बीजेपी बहुमत के साथ मेयर बना लेगी.

पीठासीन अधिकारी पर हैं आरोप
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में प्रकाशित वाद सूची के मुताबिक चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में शीर्ष न्यायालय इंडिया गठबंधन से मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई करेगा. कुमार ने पीठासीन अधिकारी पर मतगणना के दौरान धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगाए हैं.

कोर्ट में चलाया गया था वीडियो
इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने अधिकारियों को 19 फरवरी को अदालत में अपने व्यवहार की व्यख्या करने के लिए प्रस्तुत होने को कहा था. इससे पहले पांच फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'सुनवाई के दौरान अदालत में वीडियो चलाया गया था. रिटर्निंग ऑफिसर को अपने आचरण को स्पष्ट करने के लिए लिस्टिंग की अगली तारीख पर इस अदालत के समक्ष उपस्थित रहना होगा जैसा कि वीडियो में दिखाई देता है.'

कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
सीजेआई चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा उपलब्ध कराए गए सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद कहा, 'यह लोकतंत्र का मजाक है. यह लोकतंत्र की हत्या है. क्या यह एक रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है, जो कैमरे की ओर देखकर बैलेट को विकृत कर रहे हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि यह शख्स बैलेट को विकृत कर रहा है. इस शख्स को दंडित किया जाना चाहिए.'

वहीं, निगम की बैठक को 7 फरवरी के लिए टालते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चुनाव संबंधित पूरा वीडियो, बैलेट पेपर, वीडियोग्राफी फुटेज पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की हिरासत में जब्त कर लिया जाएगा.

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