मैनपुरी: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी संसदीय सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव की जीत सुनिश्चित करने के लिए सपा संस्थापक के गुरुओं के परिवार के सदस्यों ने चुनाव प्रचार किया ताकि विरासत को बरकरार रखा जा सके. मुलायम सिंह यादव के 10 अक्टूबर को निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी संसदीय सीट पर उप चुनाव के लिए सोमवार को मतदान होगा, जिसमें सपा ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रघुराज सिंह शाक्य के खिलाफ मैदान में उतारा है.
नत्थू सिंह के परिवार ने किया डिंपल के लिए प्रचार
मुलायम सिंह यादव के स्कूल शिक्षक उदय प्रताप सिंह खुद और उनके (मुलायम) राजनीतिक गुरु माने जाने वाले नत्थू सिंह के परिवार के सदस्यों ने सपा उम्मीदवार के लिए प्रचार अभियान चलाया और विश्वास जताया कि पांच बार सपा संस्थापक द्वारा जीती गई सीट से डिंपल यादव विजयी होंगी. वर्ष 1989 और 1991 में मैनपुरी से दो बार सांसद चुने गए 91 वर्षीय उदय प्रताप ने कहा कि मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग डिंपल यादव का समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा, "मैंने इस निर्वाचन क्षेत्र में उनके (डिंपल) लिए प्रचार भी किया, और अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हुए तो वह उपचुनाव में जीत हासिल करेंगी."
डिंपल यादव के पति और सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित शीर्ष सपा नेताओं ने उपचुनाव के लिए पार्टी के इस गढ़ में एक आक्रामक अभियान का नेतृत्व किया. नत्थू सिंह के पौत्र नीरज यादव ने ''पीटीआई-भाषा'' को बताया, "मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले करहल विधानसभा क्षेत्र में हमारा पूरा परिवार डिंपल यादव के लिए प्रचार कर रहा है." उन्होंने कहा, "हम उनके साथ एक पारिवारिक जुड़ाव महसूस करते हैं. लोग उन्हें वोट देंगे और वह निश्चित रूप से बड़े अंतर से उपचुनाव जीतेंगी. उनकी जीत 'नेताजी' (मुलायम सिंह यादव) की 2019 की जीत के अंतर से भी बेहतर होंगी." .
मुलायम के गुरु भी प्रचार के लिए मैदान में
उदय प्रताप ने करहल के जैन इंटर कॉलेज में मुलायम सिंह यादव को पढ़ाया, जहां सपा संस्थापक बाद में एक सहायक अध्यापक के रूप में पदासीन हुए और राजनीति विज्ञान के व्याख्याता के रूप में अपनी सेवा दी . जैन इंटर कॉलेज के प्राचार्य यदुवीर नारायण दुबे ने मीडिया को बताया, ''उन्होंने (मुलायम सिंह यादव) 1955 में नौवीं कक्षा में कॉलेज में प्रवेश लिया और 1959 में 12वीं पास की. इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए इटावा और शिकोहाबाद (फिरोजाबाद जिला) गए.
1963 उन्होंने यहां सहायक अध्यापक के रूप में काम करना शुरू किया." दुबे ने कहा, "इसके बाद 1967 में मुलायम सिंह यादव विधायक बने, और जब उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र चल रहा था, तब वे बिना वेतन के अवकाश का विकल्प इस्तेमाल करते थे. 1984 में सरकार ने एक नियम बनाया कि एक व्यक्ति दो पदों पर काम नहीं कर सकता, जिसके बाद उन्होंने 1984 में यहां से इस्तीफा दे दिया था." उन्होंने बताया कि उन्होंने एक सहायक शिक्षक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया और अधिकांश विषयों को पढ़ाया, लेकिन बाद में प्रवक्ता बनने पर उन्होंने राजनीति विज्ञान पढ़ाया. प्राचार्य ने कहा कि 1945 में स्थापित यह कॉलेज इस क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है और यह मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई से सिर्फ चार किलोमीटर की दूरी पर है.
उन्होंने कहा कि जब 'नेताजी' छात्र थे, तो उनके गांव के आसपास शायद ही कोई स्कूल था. जब वे मुख्यमंत्री बने तब भी 'नेताजी' के कॉलेज और यहां के शिक्षकों के साथ हमेशा मजबूत संबंध रहे.
इस स्कूल में शिक्षक रहे थे मुलायम
दुबे ने कहा कि चाहे वह व्यक्तिगत या राजनीतिक यात्राओं पर हों, उन्होंने छात्रों के साथ आना और बातचीत करना सुनिश्चित किया. उन्होंने कहा कि कुछ छात्रों का 'नेताजी' के साथ परिवार जैसा संबंध भी है. दुबे ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे लगभग 15-20 किलोमीटर दूर गांवों से यहां आते थे, और चूंकि नेताजी का गांव केंद्र था, इसलिए कई लोग उनसे जुड़े हुए थे." प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि स्कूल के सभागार का नाम मुलायम सिंह यादव के नाम पर रखा गया है और इसे 'मुलायम सिंह प्रेक्षागृह' के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा, "हमारे पास 'नेताजी' की सेवा पुस्तिका, उनका जीपीएफ बहीखाता और स्वीकृति पत्र भी है, जब उन्हें यहां शिक्षक नियुक्त किया गया था. ये दस्तावेज हमारे पास हैं और हमने उन्हें संरक्षित रखा है." मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं- मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर. 2022 के विधानसभा चुनावों में, सपा ने करहल, किशनी और जसवंत नगर सीटों पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने मैनपुरी और भोगांव सीटों पर जीत हासिल की. अखिलेश यादव जहां विधानसभा में करहल का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव जसवंत नगर से विधायक हैं.
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