झारखंड: चुनाव का अर्थतंत्र मुर्गा-भात और लाल पानी के असर की परीक्षा

झारखंड के चुनावी रण का पहला बैटल 30 नवंबर की वोटिंग से शुरू हो चुका है. एक दिन पहले चुनाव प्रचार थम गए. मुर्गा-भात से लेकर लाल पानी और महुए की गंधक परवान ले चुकी है. अब बस बाकी यह रह गया है कि देखा जाए किस प्रत्याशी ने कितनी खातिरदारी की और हलक में उतारे गए मुर्गा-भात का स्वाद के साथ-साथ शराब का हैंगओवर कितना कमाल दिखा पाता है. चौंकिए मत यह झारखंड चुनाव की सच्चाई है.

Written by - Satyam Dubey | Last Updated : Nov 30, 2019, 05:12 PM IST
    • भाजपा जो अकेले हाथ आजमा रही है, वह 13 में से 12 सीटों पर ही उम्मीदवार उतार रही है
    • पहले चरण में 13 सीटों पर दावेदारी पेश करने वाले तकरीबन 189 प्रत्याशी हैं मैदान में

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झारखंड:  चुनाव का अर्थतंत्र मुर्गा-भात और लाल पानी के असर की परीक्षा

रांची:  पहले चरण के 13 सीटों पर वोटिंग के लिए 189 प्रत्याशियों के नाम ईवीएम मशीन में दर्ज हैं. कोई किसी दल के साथ है तो कोई निर्दलीय. अब भाग्य कहिए या जनता के वोट उनकी किस्मत का दरवाजा वहीं खोलने वाले हैं. लेकिन एक-एक वोट के लिए प्रत्याशियों ने कितनी मेहनत की है, ये वहीं जानते हैं या उनके एजेंट. वहीं एजेंट जिन्होंने चुनाव प्रचार में व्यस्त प्रत्याशी की थोड़ी मुश्किलें हर ली और वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फंडा अपनाया मुर्गा-भात और शराब वितरण का. यह चुनाव का अर्थतंत्र है. 

परिवार में जितने वोटर उतना हो रहा नफा
दरअसल, झारखंड का खेल कुछ ऐसा है कि हरी पर्ची लाइए तो अंग्रेजी वाली मिलेगी और लाल पर पाइए देसी पाउच. इसके अलावा 4 वोटरों वाले परिवार के मुखिया को 720mL की एक बोतल बांटी जा रही है. वहीं 15 वोटरों के परिवार पर दस किलो का एक बकरा या अगर उससे परहेज है तो सात मुर्गे में डील डन हो जा रहा है.

यहीं नहीं और भी ऑफर हैं.  इस चुनाव में झारखंड के लोगों को फायदा जीतने के बाद हो न हो लेकिन प्रत्याशियों ने परिवारों को 5-5 किलो चावल बांटनी भी शुरू कर दी है. और इस काम को अंजाम दे रहे हैं प्रत्याशी के निकटतम एजेंट. भरोसेमंद एजेंट कुछ इस रसूख के लोग जिनकी उस क्षेत्र में ठीक-ठाक पहचान हो.

189 में से 15 महिला प्रत्याशी और कई सीटिंग विधायकों की परीक्षा
यह तो था चुनाव का अर्थतंत्र. अब जरा उसके गणित की बात कर ली जाए. गणित प्रत्याशियों के. गणित वोटरों के और गणित दलगत स्थितियों के. पहले चरण में 13 सीटों पर दावेदारी पेश करने वाले तकरीबन 189 प्रत्याशियों में से 12 पर भाजपा प्रत्याशी खड़े हैं.

इनमें से कुछ राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. मोटे तौर पर देखा जाए तो 189 प्रत्याशियों में से 15 महिला प्रत्याशी हैं, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री, एक वर्तमान मंत्री, नौ पूर्व मंत्री, दस वर्तमान विधायक, एक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और कई नए खिलाड़ी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. लकीर के फकीर से मुकद्दर का सिकंदर बनने तक का सफर कौन तय करता है, यह पहले चरण में बहुतों के विजयी बनते ही साबित हो जाएगा. 

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इन दिग्गजों की हो रही है अग्निपरीक्षा
दिलचस्प बात यह है कि सत्ताधारी पार्टी भाजपा जो अकेले हाथ आजमा रही है, वह 13 में से 12 सीटों पर ही उम्मीदवार उतार रही है. दरअसल, हुसैनााद से पार्टी से बागी हो कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने वाले कुशवाहा शिवपूजन मेहता जो मंत्री भी रह चुके हैं, उनको बाहर से समर्थन दे रही है. वहीं महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने अपने 6 प्रत्याशियों को उतारा है तो झामुमो ने 4 सीट पर और राजद ने तीन सीट पर दांव खेला है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी शामिल हैं जो लोहरदगा से किस्मत आजमा रहे हैं. उनके अलावा कुछ मंत्री भी हैं जो पहले चरण  के बड़े नाम हैं. रामचंद्र चंद्रवंशी (विश्रामपुर), राधाकृष्ण किशोर (छतरपुर) सीटिंग विधायकों में से बड़े नाम हैं. 

पहले चरण की 13 सीटें लातेहार, पांकी, डालटनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, गढ़वा, चतरा, गुमला, बिशुनपुर, लोहरदगा, मनिका, हुसैनाबाद तथा भवनाथपुर हैं, जहां चुनाव चल रहा है. गुमला, बिशुनपुर, लोहरदगा और मनिका एसटी  तो चतरा, लातेहार व छतरपुर एससी सीटें हैं, यानी आरक्षित है. बाकी सीटें अनारक्षित हैं. प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज ईवीएम में कैद हो गया. 

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