नई दिल्लीः Uttarakhand Election Result 2022: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत की ओर बढ़ रही है. पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लड़े गए इस चुनाव में बीजेपी लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है, लेकिन पुष्कर सिंह धामी की हार ने नए सवाल को जन्म दिया है कि अब उत्तराखंड में अगला सीएम कौन होगा? इस पर राज्य में मौजूद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह कहना अभी मुश्किल है. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकतांत्रिक पार्टी है. विधायक दल अपना नेता चुनेगा.
दरअसल, पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता भुवन चंद कापड़ी से चुनाव हार गए. पुष्कर सिंह के चुनाव हारने के बाद बीजेपी को राज्य की कमान संभालने के लिए नए नेता की तलाश करनी होगी. अगर बीजेपी सीएम पद की रेस में वरिष्ठता को ध्यान में रखती है तो सतपाल महाराज का नाम सबसे पहले आता है. सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से जीत हासिल की है और वह पिछली सरकार में पर्यटन मंत्री थे.
सतपाल महाराज को मिलेगी कमान?
अनुभवी और सभी को साथ ले चलने में सक्षम सतपाल महाराज का नाम पहले भी राज्य के मुख्यमंत्री की रेस में आ चुका है, लेकिन वह हर बार आखिरी पल में चूक जाते हैं. सतपाल महाराज न सिर्फ बीजेपी में वरिष्ठ नेता हैं बल्कि आध्यात्मिक गुरु भी हैं. संत समाज से लेकर आरएसएस तक में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है.
जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से देखें तो सतपाल महाराज गढ़वाल मंडल से आते हैं और ठाकुर हैं. अगर बीजेपी गढ़वाल का रुख करती है तो सतपाल महाराज उसके लिए मुफीद नाम हो सकते हैं. सतपाल महाराज के सीएम न बन पाने का एक कारण उनका कांग्रेस पृष्ठभूमि को भी माना जाता है. सतपाल 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
हालांकि, असम में बीजेपी ने कांग्रेस से आए हेमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री बनाया. ऐसे में बीजेपी यहां भी इस विकल्प पर विचार कर सकती है.
धन सिंह रावत पर लगेगा दांव?
सीएम की रेस में दूसरा बड़ा नाम धन सिंह रावत का है. उन्होंने श्रीनगर सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीता है. उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को चुनावी मैदान में मात दी. पिछली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत छात्र जीवन से एबीवीपी से जुड़े. वह पार्टी संगठन में प्रदेश महामंत्री जैसे पदों पर भी अपनी सेवा दे चुके हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के सीएम पद से हटने के बाद भी धन सिंह रावत का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में था, लेकिन कम उम्र (48 साल) और पहली बार विधायक होने के चलते उनसे सीएम पद की कुर्सी दूर रह गई. लेकिन, अब वह दूसरी बार चुनाव जीते हैं. साथ ही उन्हें चुनावी कौशल में दक्ष और बीजेपी के लिए समर्पित माना जाता है.
विधायकों के बीच से सीएम बनने के आसार अधिक
सीएम को लेकर राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सांसद अजय भट्ट का नाम भी चर्चा में है, लेकिन कैलाश विजवर्गीय के बयान से अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी किसी विधायक को ही सीएम पद पर बैठाएगी.
बीजेपी चौंकाने में है माहिर
बीजेपी हमेशा से चौंकाने में माहिर मानी जाती है. 2017 में जीत के बाद बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम बनाया. उनके बाद तीरथ सिंह रावत को राज्य की कमान सौंपी. वहीं, उनके बाद पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया. इन तीनों नामों में खास बात यह रही कि तीनों का ही नाम सीएम की रेस में नहीं था. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी किसी नए चेहरे को सीएम की कुर्सी पर बैठाती है या वरिष्ठ नेताओं में से किसी को चुना जाता है.
क्या धामी को मिलेगा दूसरा मौका?
दरअसल, यह चर्चा फिर उठने की वजह यह है कि चंपावत से चुनाव जीतने वाली बीजेपी के कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि वह सीएम धामी के लिए अपनी जीती हुए सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं. ऐसे में देखना होगा कि अब तक धामी पर विश्वास जताने वाला केंद्रीय नेतृत्व क्या धामी को दूसरा मौका देगा.
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