नई दिल्ली: फिल्म मेकर जे.पी. दत्ता को मल्टी स्टारर फिल्म और देशभक्ति फिल्मों का मास्टर कहा जाता है. दत्ता ने कई ऐसी फिल्में बनाई लेकिन उनकी सबसे ज्यादा सफल फिल्मों में 'बॉर्डर' का नाम शामिल है. 'बॉर्डर' महज एक फिल्म नहीं थी, यह लाखों-करोड़ों भारतीयों की देशभक्ति की भावना थी.
इसकी फिल्म की कहानी इतनी दिलचस्प थी, कि इसे देखते हुए दर्शक इस बात का अंदाजा ही नहीं लगा पाए कि कब उन्होंने फिल्म के साथ अपने 3 घंटे 33 मिनट बिता दिए. इसे देखते समय शायद ही किसी की आंख से आंसू न छलके हो. फिल्म 1997 में सिनेमाघरों में रिलीज की गई और वह उस साल की सबसे ज्यादा सफल फिल्मों की लिस्ट पर दूसरे नंबर पर रही.
बहुत कम ही ऐसा होता है जब बिना मसाला के कोई भी फिल्म इस तरह का व्यापार करती है. पर शायद यह महज एक फिल्म नहीं, बल्कि उन वीरों को शहादत थी जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की.
फिल्म में सभी कलाकारों ने अपनी भूमिका को इतनी खूबसूरती से बयां किया कि यह कहानी हमेशा के लिए दर्शकों के जेहन में बस गई. सनी देओल, सुनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ, अक्षय खन्ना, राखी, तबू, पूजा भट्ट जैसे कई सितारे फिल्म में मुख्य भूमिका में दिखे.
भाई की याद में बनाई फिल्म
'बॉर्डर' भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1967 युद्ध पर आधारित है, लेकिन कहा तो यह भी जाता है कि दत्ता ने यह फिल्म इस युद्ध में शहीद हुए लोगों के साथ ही अपने भाई की याद में बनाई थी.
जे.पी. दत्ता के भाई दीपक इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा थे. उनके भाई ने लोंगेवाला का युद्ध अपनी आंखों से देखा था और जब वह घर लौटकर आए तो पूरी कहानी दत्ता को सुनाई जिसे उन्होंने एक नोटबुक में लिख कर रख लिया. 1987 में जे.पी. के भाई दीपक की मिग-21 क्रैश में मौत हो गई.
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दत्ता अपने भाई से बहुत जुड़े हुए थे और उनके निधन के बाद ही उन्होंने फिल्म 'बॉर्डर' बनाने की ठानी. बता दें कि फिल्म में विंग कमांडर एंडी बाजवा का किरदार उनके भाई दीपक से प्रभावित था.
युद्ध के लोकेशन पर शूट की गई फिल्म
जे.पी. दत्ता ने फिल्म में भारत-पाकिस्तान के वॉर को रिक्रिएट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने फिल्म को राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर लोंगेवाला पर ही फिल्माया, जहां असल में यह वॉर हुआ था.
असली सेना और विमान
फिल्म के सीक्वेंस को असली दिखाने के लिए दत्ता ने भारतीय सैनिकों की भी मदद ली और फिल्म में उन्हें भी शूट किया गया. इतना ही नहीं, एमएमजी राइफल, एलएमजी राइफल, रॉकेट लॉन्चर, 393 राइफल का भी इस्तेमाल किया. ये हथियार असली थे जिन्हें जे.पी. दत्ता ने गुजारिश कर सैनिकों और प्रशासन से ली थी. या यूं कहें कि 'बॉर्डर' में ज्यादातर सैनिक और हथियार असली हैं.
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जे.पी. दत्ता फिल्म में किसी तरह की कोई कमी नहीं चाहते थे और इसके लिए उन्हें पता था कि ऑथेंटिसिटी की मदद के बिना यह संभव नहीं हो सकेगा. इसलिए उन्होंने फिल्म को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से मुलाकात की.
जे.पी. ने जैसे ही अपने फिल्म की स्क्रिप्ट उन्हें सुनाई. कहानी सुनने के बाद पीएम भावुक हो उठे और उन्हें हर तरह से मदद दिए जाने का आश्वासन दिया.
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