वीर सावरकर की काल कोठरी देख टूट गईं कंगना रनौत, नतमस्तक होती आईं नजर

एक्ट्रेस कंगना रनौत ने काला पानी जेल स्थित वीर सावरकर सेल का दौरा किया. इसके बाद अभिनेत्री ने एक पोस्ट के जरिए अपने एक्सपीरियंस को शेयर किया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 27, 2021, 11:17 AM IST
  • कंगना रनौत को हाल में नैशनल फिल्म अवॉर्ड मिला है
  • कंगना ने अंडमान निकोबार जेल का दौरा किया है
वीर सावरकर की काल कोठरी देख टूट गईं कंगना रनौत, नतमस्तक होती आईं नजर

नई दिल्ली: बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangna Ranaut) सोशल मीडिया (Social Media) पर अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं. हाल ही में नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली एक्ट्रेस कंगना रनौत अंडमान निकोबार के सेलुलर जेल (Andaman Nicobar Jail) पहुंची थीं. इस दौरान एक्ट्रेस कंगना रनौत ने काला पानी जेल स्थित वीर सावरकर सेल का दौरा किया. इसके बाद अभिनेत्री ने एक पोस्ट के जरिए अपने एक्सपीरियंस को शेयर किया है. 

अपने पोस्ट में कंगना रनौत ने ये कहा
सावरकर सेल की तस्वीरों को शेयर कर कंगना ने कहा, 'किताबों में जो पढ़ाया जाता है वह सच्चा इतिहास नहीं है, बल्कि सच्चा इतिहास इन कोठरियों में ही है.' कंगना रनौत इस यात्रा के दौरान उस सेल में भी पहुंची जहां वीर सावरकर को बंदी बनाकर रखा गया था. 

वीर सावरकर की तस्वीर के सामने कंगना ने किया ध्यान
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि वीर सावरकर की तस्वीर के सामने कंगना ध्यान के मुद्रा में बैठी हुई हैं. इस जेल के बाउंड्री की तस्वीर भी कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की है. 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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जानें क्यों कंगना अंदर तक हिल गईं
इस तस्वीर को शेयर कर कंगना ने कहा कि काला पानी जेल के दौरा करने के समय वह इतिहास को याद कर अंदर तक हिल गईं. उन्होंने कहा कि जब अमानवीयता चरम पर थी, तब वीर सावरकर ने आंखों में आंखें डालकर हर प्रतिरोध का मुकाबला दृढ़ता के साथ किया. 

इतिहास को याद कर ये बोलीं कंगना
कंगना ने इतिहास को याद कर कहा कि उस वक्त जब वीर सावरकर को इस जेल में रखा गया होगा तब यहां कितना ज्यादा डर का माहौल होगा. उन्होंने कहा कि समंदर के बीच उन्हें लोहे की जंजीर से बांधकर रखा गया था. अभिनेत्री ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले ऐसे वीर नायकों को मेरा कोटि-कोटि नमन.

सावरकर कक्ष के बाहर बोर्ड में क्या लिखा है?
फोटोज में देख सकते हैं कि काला पानी जेल में वीर सावरकर कक्ष के बाहर एक बोर्ड लगी है. इस बोर्ड में इस बात का जिक्र है कि वीर सावरकर इस कोठरी में 1911 से 1921 तक रहे. 

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