Mohammed Rafi Death Anniversary: जब इस गाने को गाकर फूट-फूटकर रोने लगे थे मोहम्मद रफी, फकीर का गाना सुनकर संगीतकार बनने की मिली थी प्रेरणा

Mohammed Rafi Death Anniversary: संगीत की दुनिया के बादशाह माने जाने वाले मोहम्मद रफी की आज डेथ एनिवर्सरी है. रफी साहब की डेथ एनिवर्सरी पर चलिए उनसे जुड़े खास अनसुने किस्से बताते हैं...  

Written by - Manushri Bajpai | Last Updated : Jul 31, 2024, 09:46 AM IST
  • 31 जुलाई को मोहम्मद रफी का हुआ था निधन
  • 25 हजार से ज्यादा गानों को दी आवाज
Mohammed Rafi Death Anniversary: जब इस गाने को गाकर फूट-फूटकर रोने लगे थे मोहम्मद रफी, फकीर का गाना सुनकर संगीतकार बनने की मिली थी प्रेरणा

नई दिल्ली:Mohammed Rafi Death Anniversary: आज मौसम बड़ा बेईमान है....,पुकारता चला हूं मैं..., गुलाबी आंखें जो तेरी देखीं... किंग ऑफ मेलोडी मोहम्मद रफी संगीत की दुनिया के सरताज थे. उन्होंने 25 हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी है. आज भी रफी के गाने लोगों की जुबान पर रहते हैं.रफी साहब को इस दुनिया से गए हुए 44 साल का समय बीत चुका है. लेकिन उनकी यादें आज भी दिलों में जिंदा हैं.

13 साल की उम्र में शुरू किया था गाना

रफी साहब ने सिर्फ 13 साल की उम्र में पहली बार गाना गाया था.  अपने शानदार और सुनहरे करियर में उन्होंने 25 हजार से ज्यादा हिट गाने दिए.  मोहम्मद रफी को पहली बार के एल सहगल ने लाहौर में एक कॉन्सर्ट के दौरान गाना गाने का मौका दिया था.  1948 में उन्होंने राजेंद्र कृष्णन का लिखा गाना 'सुनो सुनो ऐ दुनिया वालों बापू की ये अमर कहानी' गाया था. यह गाना लोगों के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इतना पसंद आया था कि उन्होंने खुश होकर रफी को अपने घर पर ही गाना गाने के लिए न्योता भेज दिया था. कहते हैं रफी ने जब अपने भाई की दुकान पर एक फकीर का गाना सुना तो वह इतने इंप्रेस हो गए की, संगीतकार बनने की ठान ली थी.

गाना-गाते गाते रो पड़े रफी साहब

रफी साहब ने अपने करियर कई तरह के गाने गाए. उन्होंने दर्द भरे गाने गाए तो सभी की आंखें नम हो गईं.  ऐसा ही एक सुपरहिट गाना उन्होंने गाया, जिसे गाते हुए वो खुद फूट-फूटकर रो पड़े थे. ‘नीलकमल’ फिल्म के गीत 'बाबुल की दुआएं लेती जा' को गाते गाते वह रो पड़े थे. इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि रिकॉर्डिंग से एक दिन पहली ही उनकी बेटी की सगाई हुई थी. दो दिन बाद शादी थी. इस गाने को गाते उन्हें अपनी बेटी याद आ गई थी.  मोहम्मद रफी को इस गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.

जनाजे में हजारों की थी भीड़

मोहम्मद रफी ने 'लैला मजनू' और 'जुगनू' जैसी फिल्मों में अभिनय किया था. उन्होंने ने कई सुपरहिट गाने गाए. 31 जुलाई 1980 में उनका निधन हो गया था. कहा जाता है जब उनका निधन हुआ तो तेज बारिश हो रही थी, बावजूद इसके उनके जनाजे में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए थे.

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