नई दिल्ली: देश के लिए कई पदक लाने वाली बबीता फोगाट के खिलाफ जाहिल मजहबी जमात इकट्ठा हो गई है. जिस लड़की ने विदेशों में भी देश का नाम ऊंचा किया आज उसे सच बोलने के लिए अभद्र बातें सुनने को मिल रहे हैं.
जिस बबीता फोगाट ने देश का झंडा हर क्षण ऊंचा रखा है उसे आज कुछ जाहिल लोगों पर बोलने के लिए नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है. बबीता फोगाट एक भारतीय पहलवान हैं. जो देश के नाम कितनी बार रोशन कर चुकी हैं. लेकिन देश में रहने वाले जाहिल लोगों पर बोलने के लिए उन्हें पहलवानी से सस्पेंड करने के लिए लोग ट्विटर पर ट्वीट कर रहे हैं.
कोरोना वायरस भारत की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी समस्या है।
जाहिल जमाती अभी भी पहले नंबर पर बना हुआ है।#jahiljamati
— Babita Phogat (@BabitaPhogat) April 15, 2020
बता दें कि बबीता फोगाट ने हालही में अपने ट्वीट पर लिखा कि कोरोना वायरस भारत की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी समस्या है. जाहिल जमाती अभी भी पहले नंबर पर बना हुआ है. बबीता ने इस ट्वीट से उन लोगों पर हमला किया जिसकी वजह से आज कोरोना के केसों में भारी इजाफा देखने को मिला और उसका खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है.
दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात मरकज में शामिल हुए लोगों से किसी एक इंसान या जाति या धर्म के लोगों को दिक्कत नहीं हुई है बल्कि उन्होंने पूरे देशवासियों के जान को खतरे में डाला है.
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तबलीगी जमात में शामिल होना और उसके बाद सरकार व प्रशासन के बोलने के बाद भी खुद से सामने न आना उनका जाहिलपन ही है. तो क्या आप अपने किसी अपने की अर्थी को कंधा देने के लिए तैयार है.
आज हमारा पूरा देश लॉकडाउन किया जा चुका है. यह लॉकडाउन किसी एक जाति या धर्म के लोगों के लिए नहीं है बल्कि सभी हिंदुस्तानियों के लिए है.
एक फिल्म तुम्हारे जैसों के ऊपर भी बनानी चाहिए।।
और उस फिल्म का नाम रखना चाहिए पत्थरबाजों की गैगं। https://t.co/L2GPtTWDcx
— Babita Phogat (@BabitaPhogat) April 16, 2020
आज कोरोना के हजारों मरीजों में क्या देश के डॉक्टर व प्रशासन किसी एक जाति या धर्म के लोगों का इलाज कर रहे हैं. जी नहीं हमारा देश भाइचारे के लिए जाना जाता है और हर भारतीय इस बात को अच्छे से जानता है.
लेकिन देश में कुछ ऐसे भी लोग है जो गलत को गलत और सही को सही बोलने से कतराते हैं क्योंकि उनके आंखों पर मजहबी कट्टरंथ की पट्टी बंधी हुई है.
आखिर कब इस महामारी में भी लोग मजहब से ऊपर उठ कर बात करेंगे. ये सोच हमारे देश को कमजोर करती है.
तबलीगी जमातियों ने अगर गलती की है और उसका खामियाजा हर देशवासी भुगत रहा है तो उसे गलत बोलना किसी धर्म और जाति को अपमान करना नहीं है बल्कि ऐसे लोगों को आईना दिखाना है. आप ऐसे लोगों को सर्मथन दे रहे हैं.
लेकिन कल को ऐसे लोगों की वजह से आपके परिवार में किसी को कोरोना पॉजिटिव पाया जाएगा तो फिर भी क्या आपकी यहीं मानसिकता होगी.