दिशा के माता-पिता से 'जबर्दस्ती' दिलवाया गया है बयान

दिशा की मौत के दो माह बाद सामने आ कर दिए गए बयान में दिशा की मां ने चार ऐसी बातें कह दीं जो कि परस्पर विरोधाभासी हैं..   

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Aug 9, 2020, 04:34 PM IST
    • विरोधाभास नंबर वन - 'हमने देखी है पोस्टमार्टम रिपोर्ट'
    • विरोधाभास नंबर टू - 'दिशा भीतर से टूट गई थी'
    • विरोधाभास नंबर थ्री - 'मुंबई पुलिस पर पूरा विश्वास है'
    • विरोधाभास नंबर चार - 'मीडिया चला रहा है फर्जी खबरें'
 दिशा के माता-पिता से 'जबर्दस्ती' दिलवाया गया है बयान

नई दिल्ली.  मुंबई पुलिस बहुत मेहनती है और उनकी मेहनत सारे देश ने देख ली सुशांत, दिशा और पालघर मामलों में. मामले की जांच को रोकने और उसमें बाधा पैदा करना भी कोई आसान काम नहीं होता है. इसके लिए लीपापोती भी बहुत करनी पड़ती है. अब दिशा मर्डर मामले में लीपापोती का एक नया पन्ना खुला है.

 

विरोधाभास नंबर वन

दो माह बाद दिया बयान और वो भी 'गड़बड़'. ज़ाहिर है कि बयान दिया नहीं गया है, दिलवाया गया है. पहला विरोधाभास ये कि माता-पिता ने कहा कि उन्होंने दिशा की मौत से जुड़े सभी दस्तावेज देखे हैं'. उन्होंने कहा कि उन्होंने पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट भी देखी है. ये बात तो सीधे ही झूठी है क्योंकि इस पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट में साफ़-साफ़ और अलग लिखा है कि मृतका का शरीर निर्वस्त्र था. और यह बात दो बार लिखी गई है. फिर भी दिशा के माता-पिता ने कहा कि यह एक आत्महत्या है. कैसे कोई महिला निर्वस्त्र हो कर आत्महत्या कर सकती है?

विरोधाभास नंबर टू 

एक तरफ दिशा की मां कह रही हैं कि दिशा ने आत्महत्या की क्योंकि वो अंदर ही अंदर टूट गई थी. दूसरी तरफ वे बता रही हैं कि मौत से एक दिन पहले उसने पार्टी की थी जिसमे उसके गिने चुने कुछ दोस्त शरीक हुए थे. उसकी मां ये भी बताए रही हैं कि उसके ढेर सारे सपने थे और वह बॉलीवुड में एक बड़ा मुकाम पाना चाहती थी. तो फिर यह खुशदिल लड़की दिन दहाड़े अपने दोस्त के घर पार्टी में जाती है और चौदहवें माले से कूद कर अपनी जान दे देती है. ये ख़ुशी और गम का विरोधभास दरअसल दिशा की मां के बयान का विरोधाभास है जो बयान दिलवाने वालों के कच्चे होमवर्क का सबूत भी है. 

 

विरोधाभास नंबर थ्री 

इस इंटरव्यू के दौरान दिशा की मां वसंती सालियान ने कहा कि उन्हें मुंबई पुलिस पर पूरा भरोसा है और मुंबई पुलिस सही काम कर रही है. एक मां जिसकी बेटी ने अपने 'दोस्तों' के घर जा कर अचानक आत्महत्या कर ली और मुंबई पुलिस ने उसी दिन आत्महत्या कह कर फ़ाइल बंद कर दी और उसके बाद जब बिहार पुलिस ने दिशा मामले से जुड़े सामान्य एवं अनिवार्य तथ्यों की मांग की तो वो सारी फाइलें कम्प्यूटर से उड़ा कर बेशर्मी से कहा कि फाइलें डिलीट हो गई हैं. ऐसे में मृतका के दुखी माता-पिता कहते हैं कि मुंबई पुलिस सही काम कर रही है और उनको उस पर विश्वास है- यह एक बहुत बड़ा और बहुत खुला विरोधाभास है. 

विरोधाभास नंबर चार 

जो मीडिया दिन रात पीछे पड़ कर सुशांत और दिशा की आपस में जुड़ी हत्याओं का मामला खुलवा रही है, जो मीडिया दिन रात अपने स्तर पर जांच करके दोनो हत्याओं के हत्यारों को सजा दिलवाना चाहती है और जिस मीडिया के लोग खतरा उठा कर मुंबई के 'ताकतवर' लोगों के खिलाफ जा कर दिशा और सुशांत को न्याय दिलाना चाहती है उस मीडिया के लिए दिशा के माता-पिता के बयान में नफरत झलकती है. वे कहते हैं कि उन्होंने फर्जी खबरें देखनी बंद कर दी है और मीडिया इतना बुरा काम कर रहा है कि आगे चल कर लोग न्यूज़ देखना बंद कर देंगे. मददगारों से नफरत विरोधाभास भी है और किसी और के द्वारा दिलवाया गया जबरदस्ती का बयान भी है क्योंकि यह भाषा और भाव दिशा की मां का नहीं दिशा के हत्यारों और उनका साथ देने वालों का है.

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