सबसे बड़े बैंक घोटाले के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होंगे वधावन ब्रदर्स

दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड पूर्व प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और निदेशक धीरज वधावन को पूछताछ के लिए लखनऊ से दिल्ली लाया गया है. सीबीआई वधावन बंधुओं को  मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश करेगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 19, 2022, 12:42 PM IST
  • वधावन ब्रदर्स को सीबीआई की विशेष अदालत किया जाएगा पेश
  • वधावन ब्रदर्स को हिरासत में लेना चाहती है सीबीआई
सबसे बड़े बैंक घोटाले के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होंगे वधावन ब्रदर्स

नई दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) बैंकों में 34,815 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और निदेशक धीरज वधावन को अदालत में सुनवाई के लिए लखनऊ से दिल्ली ले आई है.

किया जाएगा विशेष अदालत में पेश

अधिकारियों ने यह जानकारी उपलब्ध कराई है कि, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड पूर्व प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और निदेशक धीरज वधावन को पूछताछ के लिए लखनऊ से दिल्ली लाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि, एजेंसी वधावन बंधुओं को छोटा शकील के कथित सहयोगी अजय नावंदर के साथ मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश करेगी, जिनकी पांच दिन की पुलिस रिमांड पूरी हो रही है.

वधावन ब्रदर्स की हिरासत चाहती है सीबीआई

भारत के सबसे बड़े बैंक घोटाले के संबंध में सीबीआई वधावन बंधुओं को हिरासत में लिए जाने की डिमांड कर रही है. सीबीआई के अनुसार दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और निदेशक धीरज वधावन पीएफ घोटाले की जांच में लखनऊ में थे. सीबीआई की टीम द्वारा उनको दिल्ली लाया गया है. 

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से किया था 42 हजार का बैंक घोटाला

बता दें कि, सीबीआई ने वधावन बंधुओं के खिलाफ  42,871 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. सीबीआई द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के एक समूह की शिकायत पर वधावन बंधुओं पर कार्रवाई की थी. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के एक समूह की तरफ से डीएचएफएल को साल 2010 से 2018 के बीच 42,871 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था. 

बैंकों द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि, वधावन बंधुओं ने दूसरों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया और छुपाया, आपराधिक विश्वासघात किया और मई 2019 से कर्ज अदायगी में चूक करके 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया. 

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