नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दसवीं कक्षा की 17 लड़कियों को प्रैक्टिकल परीक्षा के नाम पर दूसरी जगह ले जाकर खाने के साथ नशीला पदार्थ देने के बाद उनका कथित यौन शोषण किए जाने का मुद्दा शुक्रवार को राज्यसभा में गूंजा.
आप ने उठाया मुद्दा
ये मुद्दा आम आदमी पार्टी के एक सदस्य ने उठाया और कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालत का गठन किए जाने और दोषियों को कठोरतम सजा दिए जाने की मांग की. शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए आप के संजय सिंह ने कहा कि यह घटना उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 18 नवंबर को हुई और पीड़ित लड़कियां नाबालिग हैं.
सांसद ने कहा- धमकी भी दी गई
आप नेता ने कहा कि दो दिन तक एक निजी स्कूल में रखे जाने और कथित तौर पर यौन शोषण करने के बाद इन लड़कियों को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने किसी को कुछ भी बताया तो उन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुत्तीर्ण कर दिया जाएगा. वापस लौटने के कई दिन बाद एक लड़की ने अपने अभिभावकों को इसकी जानकारी दी.
पुलिस ने एफआईआर से किया मना
जब अभिभावक प्राथमिकी दर्ज कराने गए तो पुलिस थाने और कोतवाली में उनकी प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया गया. उन्होंने सहायक पुलिस अधीक्षक से शिकायत की तब प्राथमिकी दर्ज की गई.’’
सिंह ने इसे अत्यंत गंभीर घटना बताते हुए मांग की कि इसकी सुनवाई के लिए सरकार को एक त्वरित अदालत का गठन करना चाहिए, छह माह के अंदर पूरे मामले की सुनवाई होना चाहिए और दोषियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो मिसाल साबित हो. विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया.
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