आधी आबादी के पास 3 हफ्ते से कम का राशन? एक साल तक हालात सुधरने के आसार नहींः सर्वे

सबसे बड़ा सवाल अब भी यही है कि आखिर इस महामारी का असर कबतक रहेगा. कब जिंदगी पहले की तरह पटरी पर वापस आ सकेगी.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 30, 2021, 05:59 PM IST
  • देश में थमने लगी है कोरोना की रफ्तार
  • लेकिन हालत अभी भी खतरनाक
आधी आबादी के पास 3 हफ्ते से कम का राशन? एक साल तक हालात सुधरने के आसार नहींः सर्वे

नई दिल्लीः देश में कोरोना के कारण बुरा हाल है. लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोगों की जिंदगी और रोजगार पर इस महामारी का असर पड़ा है. सबसे बड़ा सवाल अब भी यही है कि आखिर इस महामारी का असर कबतक रहेगा. कब जिंदगी पहले की तरह पटरी पर वापस आ सकेगी. कब रोजगार पर छाए काले बादल हटेंगे. इसी बीच आए एक सर्वे ने बताया है कि बुरा वक्त इतना जल्दी जाने वाला नहीं है. दरअसल, भारत के अधिकांश लोगों का मानना है कि पिछले साल में उनके जीवन स्तर में गिरावट आई है और यह अब भी जारी है.

एक साल तक उम्मीद नहीं
आईएएनएस सी वोटर कोविड ट्रैकर में इस बात का खुलासा हुआ है कि हमेशा आशावादी रहने वाले भारतीय इस समय निराशाओं में डूबे हुए हैं क्योंकि उन्हें आने वाले 12 महीनों में भी उम्मीद की कोई किरण नहीं दिख रही है. उन्हें लगता है कि अभी हालात इतनी जल्दी सुधरने वाले नहीं है. पाबंदियों का दौर जारी रहेगा.

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तीन हफ्ते से कम का राशन
सर्वेक्षण में यह पूछे जाने पर कि आपके घर में आपके परिवार के लिए कितने दिनों का राशन/दवा इत्यादि या राशन/दवा वगैरह के लिए पैसे उपलब्ध हैं, तो इसके जवाब में 53.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास तीन सप्ताह से कम का राशन है. इसके बाद स्थिति और ज्यादा बुरी हो जाएगी. वहीं, अभी हालात भी सुधरते नहीं दिख रहे हैं.

रोजगार पर ये कहा
रोजगार और आय को लेकर भी लोगों में चिंता है. कम से कम 37.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नियमों और सुरक्षा उपायों के तहत काम तो कर रहे हैं, लेकिन उनकी आय/वेतन में कमी आई है. 21.1 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आय या उनका वेतन पहले की ही तरह है, जबकि 10.9 प्रतिशत ने कहा कि उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है या उनकी नौकरी नहीं है.

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आय में हुई कमी
सर्वेक्षण में 5.6 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे घर पर रहकर काम कर रहे हैं, लेकिन उनके वेतन या आय में कमी आई है. कुल मिलाकर अधिकतर लोग कम वेतन या बिल्कुल भी आय न होने की समस्या से जूझ रहे हैं. पिछले साल कोविड महामारी की पहली लहर के दौरान भी स्थिति बेहद खराब थी, लेकिन उस वक्त भी लोगों में उम्मीद थी. यह सर्वे 56,685 लोगों में किया गया और इसकी समयावधि 1 जनवरी से 27 मई के बीच तक रही, जिसमें सभी 542 लोकसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया था.

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