केरल के मुख्यमंत्री के विरुद्ध बन सकता है विशेषाधिकार हनन का मामला

केरल विधानसभा ने पास किया है नागरिकता क़ानून के विरोध में प्रस्ताव, अब चुकानी पड़ सकती है देश के क़ानून के खिलाफ जाने की कीमत   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 1, 2020, 05:07 AM IST
    • नरसिम्ह राव ने लिखा शिकायती पत्र
    • वजह है केरल विधानसभा में पारित प्रस्ताव
    • ''कार्रवाई आवश्यक ताकि चलन न बने''
    • मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया
    • केरल CAA विरोधी पहला विधाई राज्य बना
केरल के मुख्यमंत्री के विरुद्ध बन सकता है विशेषाधिकार हनन का मामला

नई दिल्ली. केरल के मुख्यमंत्री के विरुद्ध देश की संसद के विशेषाधिकार हनन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. बीजेपी के सांसद जी वी एल नरसिम्ह राव ने इस संबंध में  उच्च सदन के सभापति से त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

नरसिम्ह राव ने लिखा शिकायती पत्र 

भारतीय जनता पार्टी के राजयसभा सांसद जीवीएल नरसिम्ह राव ने संसद के उच्च सदन राजयसभा के सभापति को एक पत्र लिख कर केरल के मुख्यमंत्री की शिकायत की है और उन पर संसद के विशेषाधिकार हनन के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.

वजह है केरल विधानसभा में पारित प्रस्ताव 

अपने शिकायती पत्र में बीजेपी सांसद ने कहा है कि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने नागरिकता संशोधन क़ानून जो कि देश की संसद द्वारा सर्वमान्य पद्धति से बनाया गया है, के विरुद्ध केरल द्वारा विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है जो कि संसद के विशेषाधिकार की अवमानना है.

''कार्रवाई आवश्यक ताकि चलन न बने''

नरसिम्ह राव ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने को लेकर केरल के मुख्यमंत्री के खिलाफ संसद के विशेषाधिकार हनन की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यदि इस पर कार्रवाई न हुई तो यह एक चलन बन जाएगा और देश में इस तरह के कई मामले सामने आ सकते हैं. इस चलन से   देश में प्रशासनिक एवं संवैधानिक अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होगी. 

मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया 

अपने पत्र में बीजेपी सांसद ने स्पष्ट किया कि चूंकि वे स्वयं  भी राज्यसभा की विशेषाधिकारों से संबंधित समिति के सदस्य हैं इसलिए वे विशेषरूप से राज्यसभा के सभापति से इस मामले का संज्ञान लेने का निवेदन करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने सभापति से  मामले को चर्चा के लिए समिति को भेजने का आग्रह भी किया ताकि 3 जनवरी को होने वाली अगली बैठक में इस पर चर्चा हो सके.

केरल CAA विरोधी पहला विधाई राज्य बना 

31 दिसंबर को केरल विधानसभा ने संशोधित नागरिकता कानून रद्द करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जिसके बाद कम्युनिस्ट सरकार वाला केरल राज्य नागरिकता संशोधन क़ानून का विधायी रूप से विरोध करने वाले प्रथम राज्य के रूप में सामने आया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ किया है कि केरल सहित राज्य विधानसभाओं के पास CAA पर कोई शक्ति नही है.  

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