अग्निपथ स्कीम के विरोध में भड़का छात्रों का गुस्सा, बिहार और राजस्थान में उग्र प्रदर्शन

Agneepath Bihar Virodh: सेना में सेवा के लिए अग्ननिपथ स्कीम का बिहार में छात्रों ने खूब विरोध किया. बिहार के जहानाबाद में छात्रों ने खूब जमकर बवाल काटा. जहानाबाद में छात्रों से सड़क को जाम भी कर दिया.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 16, 2022, 09:23 AM IST
  • अग्निपथ योजना पर छात्रों का कड़ा विरोध
  • बिहार से लेकर राजस्थान तक बवाल
अग्निपथ स्कीम के विरोध में भड़का छात्रों का गुस्सा, बिहार और राजस्थान में उग्र प्रदर्शन

नई दिल्ली. भारतीय सशस्त्र सेनाओं में भर्ती के लिए शुरू की गई योजना अग्निपथ स्कीम का देश के अलग अलग हिस्सों में काफी तेज विरोध भी शुरू हो गया है. खास तौर पर बिहार में इस योजना के विरोध में खूब जमकर बवाल हो रहा है. बड़ी संख्या में युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 

बिहार में अग्निपथ पर बवाल

सेना में सेवा के लिए अग्ननिपथ स्कीम का बिहार में छात्रों ने खूब विरोध किया. बिहार के जहानाबाद में छात्रों ने खूब जमकर बवाल काटा. जहानाबाद में छात्रों से सड़क को जाम भी कर दिया. इसके अलावा बिहार में गया, भागलपुर और बेगुसराय में भी इस योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. 

राजस्थान में भी हुआ योजना का विरोध

अग्निपथ स्कीम का विरोध बिहार के साख राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी देखनो मिला. राजस्थान में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को दिल्ली-अजमेर राजमार्ग को जाम कर दिया. इस व्यस्त राजमार्ग को जाम किए जाने से हाईवे पर दोनों तरफ घंटा भर वाहनों की लंबी कतार लगी रही. बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझा कर जाम खुलवाया.

योजना की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही जयपुर में सेना भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर दिल्ली-अजमेर राजमार्ग को जाम कर दिया और अग्निपथ योजना के खिलाफ नारेबाजी की. 

क्यों हो रहा है विरोध

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, युवाओं का कहना है कि, सशस्त्र बलों में सिर्फ चार साल के लिए भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कोई भी दो साल से अधिक समय तक कड़ी मेहनत क्यों करेगा और वह भी कम वेतन पैकेज के लिए. 

उन्होंने कहा कि ऊपरी आयु सीमा भी 21 वर्ष निर्धारित की गई है, जो ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित लोगों के लिए कम है. सशस्त्र बलों की नौकरियों के लिए होड़ करने वाले मध्यम पारिवारिक पृष्ठभूमि के हैं, जिनमें ज्यादातर किसान हैं. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अपनी युवावस्था के चार कीमती वर्ष बिताने के बाद, शेष 75 फीसदी अग्निवीरों के पास रोजगार की कोई गारंटी नहीं होगी.

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