Allahabad High Court: महिला पर भी चलाया जा सकता है गैंगरेप का केस, अगर..., जानें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों दिया ये आदेश

Allahabad High Court: बलात्कार या गैंगरेप वो जघन्य अपराध है जिसको लेकर समाज में अक्सर क्रोध देखने को मिलता है. नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ सालों में जहां इस अपराध को लेकर कानून को सख्त किया गया है तो वहीं पर इसके मामलों में भी तेजी से उछाल देखने को मिला है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 14, 2023, 11:20 AM IST
  • कानून के अनुसार महिला नहीं कर सकती रेप
  • महिला पर चल सकता है गैंगरेप का मुकदमा
Allahabad High Court: महिला पर भी चलाया जा सकता है गैंगरेप का केस, अगर..., जानें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों दिया ये आदेश

Allahabad High Court: बलात्कार या गैंगरेप वो जघन्य अपराध है जिसको लेकर समाज में अक्सर क्रोध देखने को मिलता है. नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ सालों में जहां इस अपराध को लेकर कानून को सख्त किया गया है तो वहीं पर इसके मामलों में भी तेजी से उछाल देखने को मिला है. इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है और वो परिस्थिति बताई है जिसमें किसी महिला पर भी गैंगरेप का मुकदमा चलाया जा सकता है.

कानून के अनुसार महिला नहीं कर सकती रेप

इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक आवेदक सुनीता पांडे की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साफ किया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक महिला बलात्कार का अपराध नहीं कर सकती है, लेकिन अगर वह बलात्कारियों को सुविधा प्रदान करती है, तो उस पर भी सामूहिक बलात्कार का मुकदमा चलाया जा सकता है.

फिर भी चल सकता है गैंगरेप का मुकदमा

न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने रेप के संबंधित कानूनों पर बात करते हुए साफ किया कि आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) और 376 (बलात्कार के लिए सजा) में सजा के प्रावधान हैं लेकिन एक महिला बलात्कार का अपराध नहीं कर सकती है. हालांकि अगर महिला बलात्कारियों को यह अपराध करने में सुविधा प्रदान करती है तो उस पर गैंगेरप का मुकदमा चलाया जा सकता है.

अदालत ने खारिज की आवेदक की याचिका

सुनीता पांडे ने अतिरिक्त जिला और सेशन न्यायाधीश सिद्धार्थ नगर की ओर से दिये गये आदेशों को चुनौती दी थी, जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज किया. अदालत ने कहा कि यह तर्क कि एक महिला पर सामूहिक बलात्कार के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है, बलात्कार से संबंधित धाराओं के संशोधित प्रावधानों के अनुसार सही नहीं है.

अदालत ने कहा कि हालांकि आईपीसी की धारा 375 की अस्पष्ट भाषा से यह स्पष्ट है कि एक महिला बलात्कार नहीं कर सकती, क्योंकि धारा विशेष रूप से बताती है कि बलात्कार का कार्य केवल पुरुष द्वारा किया जा सकता है, महिला द्वारा नहीं, लेकिन आईपीसी की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) के मामले में ऐसा नहीं है.

8 साल पुराने मामले में सुनाया फैसला

गौरतलब है कि यह घटना जून 2015 में हुई थी. लड़की के पिता ने जुलाई 2015 में केस दर्ज कराया था कि उसकी 15 वर्षीय बेटी को आरोपी बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए और उसके साथ बलात्कार किया.

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