नई दिल्ली: पिछले 19 दिनों से किसान आंदोलन जारी है. आज किसान नेता भूख हड़ताल पर रहे, वहीं दूसरी तरफ केंद्र में किसानों के समाधान के लिए बैठकें होती रही. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और आंदोलन को लेकर सरकार की अगली रणनीति पर चर्चा की. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) से 10 किसान संगठनों ने मुलाकात की और नए कृषि कानूनों का समर्थन किया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से यूपी, हरियाणा, केरल, बिहार के संगठनों ने मुलाकात की.
किसान आंदोलन 5 बड़ी खबरें
1- भूख हड़ताल पर 40 किसान नेता
2- कानून के खिलाफ किसानों का अनशन
3- किसानों के समर्थन में AAP का उपवास
4- आंदोलन पर गृहमंत्री-कृषि मंत्री के बीच चर्चा
5- 10 किसान संगठन कृषि मंत्री से मिले
10 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया. जिसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar)ने कहा कि किसानों की तरफ से प्रस्ताव आया तो बातचीत को तैयार हैं, पीएम मोदी (PM Modi) सच्चाई पर चल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) किसानों (Farmers) की भलाई का काम कर रहे हैं.
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कृषि मंत्री ने क्या कहा?
सरकार ने किसानों के हित में कानून बनाया है
कृषि कानून के समर्थन में कई राज्यों के किसान
जो सच है उसी रास्ते पर चलकर निकलेगा हल
किसानों से कोई प्रस्ताव आयेगा तो बात करेंगे
कृषि कानून से किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा
केंद्र सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ है
केंद्र के प्रस्ताव पर किसानों के जवाब का इंतजार
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उन्होंने कहा कि "लोगों ने बिलों का समर्थन किया है. जो इस कानून का समर्थन करते हैं, मैं धन्यवाद देता हूं. जो सच है उसी दिशा में समाधान का रास्ता लाएगा, हम बातचीत के लिए तैयार हैं. जैसे ही प्रस्ताव आएगा हम बातचीत करेंगे. ये कानून किसानों के जीवन स्तर में बदलाव के लिए आये हैं. सरकार द्वारा लंबे समय से चली आ रही अपनी मांगों को पूरा करने पर विभिन्न राज्यों से आए किसान प्रतिनिधियों ने कृषि सुधार कानून के प्रति अपना समर्थन जताया है"
सरकार द्वारा लंबे समय से चली आ रही अपनी मांगों को पूरा करने पर विभिन्न राज्यों से आए किसान प्रतिनिधियों ने कृषि सुधार कानून के प्रति अपना समर्थन जताया है: केंद्रीय कृषि मंत्री @nstomar #AatmaNirbharKrishi #AgriReforms @AgriGoI pic.twitter.com/6bPegzVz6Y
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) December 14, 2020
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने ट्वीट कर लिखा कि "देशभर से आये अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने आज कृषि भवन में मुलाकात कर नए कृषि कानूनों के समर्थन में ज्ञापन दिया. उन्होंने कहा कि ये कानून पूरी तरह से किसानों के हित में हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन पूरी तरह राजनीति से प्रभावित हैं."
उन्होंने कहा कि ये बिल पूरी तरह से किसानों के हित में हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन पूरी तरह राजनीति से प्रभावित हैं।#FarmersWithModi
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) December 14, 2020
पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ट्वीट कर लिखा कि "देश का किसान, PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जी की सरकार द्वारा बनाये गये कृषि कानूनों का महत्व समझता है. विभिन्न राज्यों से आये किसान प्रतिनिधियों ने आज इन कानूनों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि पंजाब के किसानों का आंदोलन राजनीति प्रेरित है, किसी भी कीमत पर ये कानून वापस नही होने चाहिये."
देश का किसान, PM @NarendraModi जी की सरकार द्वारा बनाये गये कृषि कानूनों का महत्व समझता है।
विभिन्न राज्यों से आये किसान प्रतिनिधियों ने आज इन बिलों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि पंजाब के किसानों का आंदोलन राजनीति प्रेरित है, किसी भी कीमत पर ये कानून वापस नही होने चाहिये। pic.twitter.com/bCC0Qo65Oy
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 14, 2020
वहीं किसान आंदोलन पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि किसानों के खिलाफ जाने का मतलब ही नहीं. उन्होंने कहा कि "हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिगामी कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं है. हाल के सुधारों को भारत के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. हालांकि, हम हमेशा अपने किसान भाइयों की बात सुनने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी गलतफहमी को दूर करते हैं और उन्हें वह आश्वासन प्रदान करते हैं जो हम प्रदान कर सकते हैं. हमारी सरकार हमेशा चर्चा और बातचीत के लिए खुली है."
कैसे समाधान?
सरकार Vs किसान
सरकार बातचीत के लिये कानून वापस हो, संशोधन
हमेशा तैयार मंज़ूर नहीं
किसान प्रस्ताव भेजें, बात सरकार MSP पर गुमराह
करने को तैयार कर रही है
हर आंदोलन का समाधान 26 जनवरी को सरकार को
मिल बैठकर निकला है सद्बुद्धि आएगी
कृषि क्षेत्र के खिलाफ सरकार की गलत नीतियों से
कदम नहीं उठाए जाएंगे किसान भूखा है
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