दिल्ली हिंसा पर अमित शाह हुए सख्त, जानिए क्या फैसला लिया?

दिल्ली हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से गृह मंत्री अमित शाह ने मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. दिल्ली पुलिस की FIR में दर्ज नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है. इन नेताओं को पासपोर्ट जमा कराना होगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 28, 2021, 03:29 PM IST
  • ट्रॉमा सेंटर में गृह मंत्री अमित शाह
  • घायल जवानों का हाल जाना
  • HM शाह ने जवानों को फल दिया
  • हिंसा में घायल पुलिसकर्मी
दिल्ली हिंसा पर अमित शाह हुए सख्त, जानिए क्या फैसला लिया?

नई दिल्ली: 26 जनवरी के दिन दिल्ली हिंसा में घायल हुए पुलिसवालों से गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल में जाकर मुलाकात की. दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार बैठक ली. दिल्ली पुलिस की FIR में दर्ज नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है. नेताओं को पासपोर्ट जमा कराना होगा. दिल्ली पुलिस और IB अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए.

एक्शन में गृह मंत्री अमित शाह

  1. हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से मुलकात की
  2. दिल्ली हिंसा पर अमित शाह ने कई बैठक की
  3. बड़े अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक
  4. अमित शाह की बैठक में गृह सचिव मौजूद रहे
  5. दिल्ली पुलिस, IB अधिकारियों के साथ बैठक
  6. कल दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमित शाह से मिले
  7. दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश
  8. सुरक्षा व्यवस्था पर अफसरों से जानकारी ली
  9. दिल्ली पुलिस का 20 किसान नेताओं को नोटिस
  10. FIR में दर्ज नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस 

गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों का हालचाल जाने के लिए आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दो अस्पतालों का दौरा किया. पहले गृह मंत्री अमित शाह सिविल लाइंस के सुश्रुत ट्रामा सेंटर पहुंचे और घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की उनका हाल जाना.

किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान हिंसा की घटनाओं में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए. 26 जनवरी को इन्हीं पुलिसकर्मियों ने हर हमले को झेला, हर चोट सही, दंगाइयों के हर वार को सहा, दिल्ली पुलिस के इन्हीं घायल जवानों और अफसरों से इस अमित शाह ने आज बातचीत की. सिविल लाइंस के सुश्रुत ट्रामा सेंटर के बाद गृह मंत्री तीरथ राम अस्पताल पहुंचे.

तीरथ राम अस्पताल में अमित शाह

तीरथ राम अस्पताल में भर्ती घायल पुलिसकर्मियों का हाल जानने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने वहां मौजूद घायलों के परिवार वालों से बातचीत और फल दिए. अस्पताल के वॉर्ड में मौजूद सभी घायल पुलिसकर्मियों से गृह मंत्री (Home Minister) ने कहा की उन्हें बहादुर पुलिस से जवानों पर गर्व है.

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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के जवानों ने किस बहादुरी और सूझबूझ से काम लिया लाल किले पर दंगाइयों का तांडव दुनिया ने देखा और पुलिसकर्मियों ने इसे किस तरह झेला. घायल महिला कांस्टेबल ऋतु ने बताया कि हम रोते रहे चिल्लाते रहे. कोई सुन नहीं रहा था. हमें लग भी नहीं रहा था कि हम बच जाएंगे. दूसरी घायल महिला कांस्टेबल रेखा ने कहा कि ग्रील टूटकर हमारे ऊपर चली गई. हम दबे हुए थे, पसलियों में बहुत दर्द है.

अस्पताल में इलाज करा रहीं ये दिल्ली पुलिस के वो वीर हैं जिन्होंने गणतंत्र दिवस पर हिंसक भीड़ का सामना किया. लाल किले पर किसानों के हमले में घायल हुए. कई पुलिसवाले नीचे खाई में गिर गए लेकिन इन्हें सिस्टम से या अपने वतन से कोई शिकायत नहीं है.

वहीं दिल्ली पुलिस आज गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पहुंची और किसान नेता राकेश टिकैत के टेंटे पर नोटिस लगा दिया. ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस कई नेताओं को लुक आउट नोटिस जारी कर रही है.

पुलिस के निशाने पर किसान नेता

किसान नेताओं पर दिल्ली पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. 20 किसान नेताओं को पुलिस ने NOC करार तोड़ने पर नोटिस भेज दिया है. 37 किसान नेताओं और आंदोलन से जुड़े लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दिल्ली के 3 थानों मे 25 FIR दर्ज हुई. जिसका आधार वीडियो फुटेज को भी बनाया गया. दिल्ली में हिंसा के बाद किसान संगठन बैकफुट पर हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 फरवरी को संसद मार्च का कार्यक्रम स्थगित कर दिया.

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वहीं दिल्ली में हिंसा के बाद ट्विटर ने 300 अकाउंट को सस्पेंड किया. भारतीय एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई हुई. कई खालिस्तान समर्थकों के ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड किए गए. ट्विटर ने नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया. वहीं दिल्ली में लाल किले पर किसानों के प्रदर्शन पर भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर का हमला बोला और कहा देशभक्तों के बीच में देशद्रोही..

दिल्ली-NCR में रहने वाले 3 करोड़ लोग परेशान हैं. देश को रोजाना 3500 करोड़ का नुकसान हो रहा है. किसान आंदोलन से रेलवे को अब तक 2400 करोड़ का नुकसान हो चुका है. पानीपत के कंबल उद्योग को 300 करोड़ और लुधियाना के होजरी उद्योग को 3500 करोड़ का नुकसान हुआ.

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