नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में मजहबी कट्टरपंथियों और वोट बैंक की सियासत करने वाले नेताओं ने दिल्ली में दंगों के रूप में ऐसी आग लगाई थी जिसकी तपन में 50 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी. गृहमंत्री अमित शाह के दिल में अब तक उस भीषण हिंसा में मारे गए निर्दोष लोगों की करुण चीत्कार जिंदा है और उन्होंने एक बार फिर से दंगाइयों और साजिशकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि वे एक भी षड्यंत्रकारी को नहीं छोड़ेंगे.
सख्त से सख्त सजा दिलाएंगे- अमित शाह
मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आये हुए और गृहमंत्री के रूप में अमित शाह ने एक वर्ष पूरा कर लिया है. उन्होंने अपने कार्यकाल के अनेक अच्छे काम भी जनता को गिनाए साथ ही उन्होंने उन सभी दंगाइयों को भी आगाह करते हुए कहा कि कोई भी ये न समझे कि कोरोना वायरस की वजह जांच में कोई धीमापन आएगा. ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगा. जिसने भी दिल्ली को जलाने की साजिश की है वे सभी कठोर सजा पाएंगे.
उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी दंगा किया हो या साजिश में भी शामिल रहा हो, एक भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा. कानून सबको सख्त से सख्त सजा कराएगा.
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फरवरी में हुए थे भीषण दंगे
मोदी सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया है जो लोग अपनी जान बचाने के लिए भारत में शरण लेकर रह रहे हैं. इन मजबूर और निरीह लोगों के कष्ट दूर करने की मोदी सरकार की ये कवायद मजहबी कट्टरपंथियों को रास नहीं आयी और उन्होंने दिल्ली में मजहबी दंगे शुरू कर दिए. चुन चुन करके देशप्रेमी और राष्ट्रभक्ति की भावना रखने वाले लोगों को निशाना बनाया गया और कई लोगों को बेरहमी से तलवार से काट डाला गया था. जेहादी मानसिकता के इन दंगाइयों ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के राष्ट्रवादी अफसरों को भी नहीं बख्शा.
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अमित शाह ने इससे पहले संसद में भी दिल्ली दंगे को लेकर बयान दिया था. लोकसभा और राज्यसभा में दिल्ली दंगे पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि मैं दिल्ली और देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि दंगों में जो लोग शामिल थे, उनको किसी भी कीमत में बख्शा नहीं जाएगा.
आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर से पेट्रोल बम और पत्थरों का ऐसा जखीरा मिला था जिससे पूरी दिल्ली को दहलाया जा सकता था. हैरत की बात ये है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जिस CAA का विरोध किया था उनके दिल्ली में चुनाव जीतने के बाद इसी CAA के विरोधियों पर दंगे भड़काने का आरोप लगा था. अरविंद केजरीवाल ने वोट लेने के लिए देशविरोधियों के अड्डे और दिल्ली दंगों की साजिश भूमि शाहीन बाग का समर्थन किया था.