क्या है नए भारत के सृजन का अमृत-काल? पीएम मोदी ने देशवासियों को बताया लक्ष्य

लालकिले से पीएम मोदी ने नया नारा दिया है. 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास'.. उन्होंने विकास के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील करते हुए. अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल बताया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 15, 2021, 11:40 AM IST
  • नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है: प्रधानमंत्री
  • अगले 25 साल भारत के सृजन का अमृतकाल
क्या है नए भारत के सृजन का अमृत-काल? पीएम मोदी ने देशवासियों को बताया लक्ष्य

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि देश आज से अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है और यहां से आजादी के 100 वर्षों तक का सफर ‘भारत के सृजन का अमृतकाल’ है. उन्होंने नया नारा देते हुए कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबके प्रयास’ से इस लक्ष्य को हासिल करना है.

तिरंगा फहराने के बाद पीएम ने क्या बोला?

तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का यह संकल्प सुरक्षित और समृद्ध विश्व की खातिर प्रभावी योगदान के लिए है. उन्होंने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वह देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है और खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है.

मोदी ने कहा, ‘भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है. यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है. इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी.’

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किया नमन

लाल किले पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य, विभिन्न दलों के नेता और विदेशी राजनयिकों सहित केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय दल के प्रतिनिधियों की उपस्थित आकर्षण का केंद्र थी. प्रधानमंत्री ने उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया है.

प्रधानमंत्री आज सबसे पहले राजघाट गए और वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया. 

यहां से प्रधानमंत्री सीधे लाल किले पहुंचे जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनका वहां स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया और इसके बाद हेलीकॉप्टर से आयोजन स्थल पर पुष्प वर्षा की गई.

इस अवसर पर उन्होंने अगले 75 सप्ताह के भीतर 75 वंदेभारत रेलगाड़ियां चलाने की घोषणा की जो देश के हर कोने को आपस में जोड़ेंगी. उन्होंने कहा, ‘देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी.’

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले देश की आजादी में योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, ‘आज देश उन्हें याद कर रहा है. देश इन सभी महापुरुषों का ऋणी है.’

हमें नए संकल्पों को आधार बनाकर चल पड़ना है. यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृत-काल है. इस अमृत-काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी.

महामारी के समय भारत जिस तरह से 80 करोड़ देशवासियों को महीनों तक लगातार मुफ्त अनाज देकर गरीब के चूल्हे को जलते रखा है, ये भी दुनिया के लिए अचरज भी है और चर्चा का विषय भी है.

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