नई दिल्लीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा चोटी पर हिमस्खलन में मंगलवार को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 29 पर्वतारोही फंस गए. उन्हें बचाने के लिए बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.
राहत और बचाव अभियान जारी
उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि आठ पर्वतारोहियों को उनकी टीम के सदस्यों ने बचा लिया और बाकी को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा कि टीम में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के प्रशिक्षु पर्वतारोही और उनके प्रशिक्षक शामिल हैं.
सीएम धामी ने ट्वीट कर दी जानकारी
द्रौपदी का डांडा 5,006 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों की एक टीम ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है.
द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 4, 2022
मुख्यमंत्री धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की है और बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद मांगी है.
तीन टीमों को रिजर्व रखा गया है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन हेलीकॉप्टर पूरे इलाके की रेकी करेंगे. सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें मौके के लिए रवाना हो गई हैं. तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है. जरूरत पड़ने पर इन टीमों को भी भेजा जाएगा.
नेहरू प्रशिक्षण संस्थान का चल रहा था प्रशिक्षण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डोकरानी बामक ग्लेशियर पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का प्रशिक्षण चल रहा था. बेसिक प्रशिक्षण में 97 प्रशिक्षणार्थी, 24 प्रशिक्षक और निम के अधिकारी समेत 122 लोग शामिल थे. वहीं, एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी और नौ प्रशिक्षक समेत 53 लोग शामिल थे.
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