केरल सरकार ने डिटेंशन सेंटर की गतिविधियों पर लगाई रोक

केरल मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में एक आदेश पारित किया है. सीएमओ ने यह स्पष्ट किया है कि केरल सरकार राज्य में किसी प्रकार के डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की योजना नहीं बना रही है. सीएमओ के मुताबिक 2012 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में डिटेंशन कैंप स्थापित करने का निर्देश दिया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 27, 2019, 08:51 PM IST
केरल सरकार ने डिटेंशन सेंटर की गतिविधियों पर लगाई रोक

तिरुवनंतपुरमः केरल सरकार ने राज्य में डिटेंशन सेंटर को स्थापित करने से संबंधित सभी गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में एक आदेश पारित किया है. सीएमओ ने यह स्पष्ट किया है कि केरल सरकार राज्य में किसी प्रकार के डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की योजना नहीं बना रही है. सीएमओ के मुताबिक 2012 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में डिटेंशन कैंप स्थापित करने का निर्देश दिया था.

2015 में कैंप बनाने का निर्देश
इन डिटेंशन कैंपों का उद्देश्य उन विदेशी लोगों पर अस्थायी रूप से ध्यान केंद्रित करना/रखना था, जो अवैध प्रवासी हैं और वीजा/पासपोर्ट की अवधि पूरी होने के बाद भी देश में रह रहे हैं. साथ ही इन कैंपों में वे विदेशी भी रखे जाते हैं जो कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अपने हमवतन लौटना चाहते हैं. 2015 में तत्कालीन राज्य गृह मंत्रालय ने एक बैठक बुलाई और इस तरह के कैंपों को तुरंत स्थापित करने का फैसला किया और सामाजिक न्याय विभाग को इसे निष्पादित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई.

2016 में मांगी थी संख्या
सामाजिक न्याय विभाग ने ऐसे लोगों की संख्या मांगी थी जिन्हें 2016 में एससीआरबी से इन कैंपों में बसाया जाना था. हालांकि इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, यहां तक की कई रिमाइंडर भी भेजे गए. सीएमओ का कहना है कि वर्तमान सरकार (जून 2016 से) ने इससे संबंधित किसी भी फाइल को नहीं देखा है. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सीएमओ ने इस संबंध में सभी कार्यों को रोकने का आदेश दिया है.

महाराष्ट्र सरकार भी रोक लगा चुकी है
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी नवी मुंबई में डिटेंशन सेंटर बनाने के फडणवीस सरकार के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है. पिछले दिनों यह फैसला करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकता कानून लागू करने को लेकर अंतिम फैसला 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद लिया जाएगा. 

4 दिन पहले मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समाज से शांति बनाने रखने की अपील की. साथ ही, यह भी बताया कि राज्य में एनआरसी लागू करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया. अगर एनआरसी लागू भी किया गया तो वह केवल मुस्लिम समाज के लिए नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए होगा.

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