उत्तर प्रदेश में कई जिलों और कस्बों के नाम बदलने अभी बाकी हैं!

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने उत्तर प्रदेश (यूपी) में कुछ और नाम बदलने की मांग की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 8, 2021, 06:18 PM IST
  • यूपी में किन-किन जगहों के बदलेंगे नाम?
  • मंत्रियों और विधायकों ने रख दी ये मांग
उत्तर प्रदेश में कई जिलों और कस्बों के नाम बदलने अभी बाकी हैं!

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों की बात मान ली जाए तो आने वाले महीनों में करीब एक दर्जन जिलों और कस्बों को नए नाम मिलेंगे. माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने मांग की है कि उनके गृह जिले संभल का नाम बदलकर पृथ्वीराज नगर या कल्कि नगर कर दिया जाए.

संभल का नाम बदलने की मांग

गुलाब देवी ने कहा, 'जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संभल का नाम बदलने की मांग है. बड़ी संख्या में लोग मुझसे मिलने आए और मैंने उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी मांग बताने का आश्वासन दिया है. मैं 12 अगस्त को मुख्यमंत्री से मिलने का प्रस्ताव करती हूं और लोगों की भावनाओं को व्यक्त करेंगे.'

वहीं फिरोजाबाद जिला पंचायत ने पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर जिले का नाम बदलकर चंद्रनगर करने की मांग की है.

तो क्या सुल्तानपुर का बदलेगा नाम?

भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी पहले से ही सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने की मांग कर रहे हैं. द्विवेदी सुल्तानपुर के लंभुआ विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं.

उन्होंने कहा, 'मैं पहले ही राज्य विधानसभा में सुल्तानपुर का नाम कुशभवनपुर करने की मांग उठा चुका हूं. इस शहर की स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी. मैंने मुख्यमंत्री से जल्द नियुक्ति का अनुरोध किया है ताकि मैं उनके सामने मांग रख सकूं.'

सुल्तानपुर जिले की आधिकारिक वेबसाइट भी द्विवेदी के दावों का समर्थन करती है.

इसमें लिखा है, 'मूल शहर गोमती के बाएं किनारे पर स्थित था. ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम के पुत्र कुश ने इसकी स्थापना की थी और कहा जाता है कि उनके नाम पर कुशपुर या कुशभवनपुर का नाम दिया गया था. इस प्राचीन शहर में चीनी यात्री ह्वेन त्सांग द्वारा वर्णित कुशपुर के साथ जनरल कुनिघम द्वारा पहचाना गया.'

देवबंद का नाम बदलने की डिमांड

सहारनपुर की देवबंद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक बृजेश सिंह ने भी देवबंद का नाम बदलकर देवव्रंद करने की मांग की है. देवबंद इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम की सीट के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि प्राचीन हिंदू शास्त्रों में इस स्थान को देववृंद कहा गया है.

विधायक बृजेश सिंह ने कहा, 'मैं 17 अगस्त से शुरू हो रहे राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री से मिलूंगा.'

शाहजहांपुर का भी नाम बदलने की मांग

शाहजहांपुर के दादरौल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह ने कहा कि उनके क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि शाहजहांपुर का नाम बदलकर शाजीपुर कर दिया जाए, जो कि महाराणा प्रताप के करीबी भामाशाह का दूसरा नाम है.

शाहजहांपुर के एक अन्य भाजपा विधायक वीर विक्रम सिंह 'प्रिंस' ने कहा कि उन्होंने अपने जिले के खुदागंज ब्लॉक का नाम बदलने की मांग उठाई थी. उन्होंने कहा कि ब्लॉक का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

विक्रम सिंह ने कहा, 'मैंने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और मांग की कि खुदागंज का नाम स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर रोशन सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए, जिन्हें राम प्रसाद 'बिस्मिल' के साथ काकोरी बैंक डकैती मामले में उनकी संलिप्तता के लिए फांसी दी गई थी.'

तो क्या बदला जाएगा गाजीपुर का नाम?

गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अलका राय ने गाजीपुर का नाम बदलकर गढ़ीपुरी करने की मांग इस आधार पर की है कि यह प्राचीन भारत में महर्षि विश्वामित्र के पिता राजा गढ़ी की राजधानी थी और बाद में इसका नाम मोहम्मद बिन तुगलक के सहयोगी के नाम पर रखा गया.

उन्होंने कहा, 'हम मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम धारा नगर करने पर भी जोर देंगे, जैसा कि प्राचीन ग्रंथों में इस क्षेत्र का उल्लेख है.'

मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की डिमांड

मुजफ्फरनगर का नाम लक्ष्मी नगर करने की भी मांग है. योगी आदित्यनाथ सरकार पहले ही इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या कर चुकी है, जबकि मुगलसराय का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय नगर कर दिया गया है.

राज्य सरकार ने हाल ही में झांसी रेलवे स्टेशन का नाम रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर रखने की सिफारिश की है.

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