जयपुरः केंद्र सरकार जयपुर मेट्रो को साइबर हमले से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है. मेट्रो प्रशासन ने एक्सपर्ट की मदद से साइबर एडवाइजरी बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि मेट्रो प्रशासन की ओर से बताया जा रहा है कि यह अलर्ट देश के सभी मेट्रो को जारी किया गया है, लेकिन वह सुझाए गए निर्देशों के आधार पर सुरक्षा के उपाय कर रहे हैं.
मेट्रो से कहा गया है कि वह अपनी साइबर सिक्योरिटी सिस्टम को अपडेट करे.
मेट्रो में साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति जरूरी
पुलिस कमिश्नरेट के सायबर विशेषज्ञ के अनुसार मेट्रो को साइबर हमले से बचाने के लिए एडवाइजरी मांगी गई थी, लेकिन मेट्रो के कम्प्यूटर नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर को देखे बिना एडवाइजरी नहीं दी जा सकती हैं.
अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर के लिए अलग एडवाइजरी होती है. साइबर हमले से बचने के लिए जरूरी है कि मेट्रो में साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति हो.
इसके अलावा चीफ टेक्निकल ऑफिसर को साइबर अपडेट करने की जानकारी हो. साइबर अटैक का खतरा वहां ज्यादा रहता है, जहां पायरेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम या सॉफ्टवेयर यूज किया जा रहा है और सिक्योरिटी पॉलिसी फॉलो नहीं हो रही हैं.
सिस्टम कंट्रोल कर ट्रेनों को भटका सकते हैं
साइबर एक्सपर्ट के अनुसार ऑपरेटिंग सिस्टम इंटरनेट और इंट्रानेट के जरिए रन होता है. हैकर्स इंटरनेट से रन होने वाले सिस्टम में आसानी से दाखिल हो सकते हैं.
ऐसे हैकर्स कम्प्यूटर नेटवर्क सिस्टम में ट्रॉजन फाइल इन्स्टॉल करके कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं और ट्रेनों को गलत दिशा में भटका भी सकते हैं.
हैकर्स साल 2016 से 2019 तक प्रदेश की 25 सरकारी विभागों की वेबसाइटस हैक कर चुके हैं. इनमें पंचायती राज, सिंचाई विभाग, मुख्यमंत्री रिलीफ विभाग, एनीमल हसबेंडरी, गोपालन, आरटीडीसी, माइन्स और कॉलेज एजुकेशन विभाग की वेबसाइट भी शामिल हैं.
जयपुर मेट्रो के निदेशक मुकेश सिंघल का कहना है कि सायबर अलर्ट को लेकर हमें केंद्र सरकार से दिशा निर्देश मिले हैं. यह एक रुटीन प्रक्रिया है, इसके तहत हमारे टेक्निकल डिपार्टमेंट काे सतर्क रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
हैकर्स ऑटोमेटिक ऑपरेटिंग सिस्टम के चलते कंट्रोल अपने हाथ में लेकर स्पीड ओवर कर सकते हैं. टिकटिंग सिस्टम हैक कर सकते हैं और मेट्रो का संचालन ठप कर सकते हैं. कोच में एंट्री और एक्जिट सिस्टम भी हैक किया जा सकता है.