नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को प्रति महीने सैकड़ों करोड़ का मुनाफा हो रहा है. गुरुवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के बीच वैक्सीन को लेकर चर्चा हुई. इस चर्चा के उपरांत जानकारी देते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि हिंदुस्तान पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाने की क्षमता रखता है.
हिंदुस्तान में बहुत सी कंपनियां हैं जो वैक्सीन बनाकर बाजार में उपलब्ध करा सकती हैं. इन सभी कंपनियों को फार्मूला देना चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा है कि डॉ हर्षवर्धन के समक्ष उन्होंने वैक्सीन की खरीद का मुद्दा रखा. दिल्ली सरकार ने कहा कि विश्व बाजार में भारत के अलग-अलग राज्यों के जाने से देश की बदनामी होगी. हमें एक राष्ट्र के रूप में यह ग्लोबल टेंडर करना चाहिए.
दिल्ली सरकार ने कोरोना वैक्सीन का फार्मूला सभी सक्षम वैक्सीन कंपनियों को देने की बात कही गई. सत्येंद्र जैन ने कहा कि मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष ये मुद्दा रखा कि दो कंपनियां देश में कोरोना वैक्सीन बना रही हैं. इनको बहुत ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका दिया जा रहा है. कोविशील्ड केंद्र सरकार को 150 रुपये में वैक्सीन देती है.
उनके चेयरमैन ने कहा था कि 150 रुपये में भी उसे मुनाफा है. मान लिया जाए यदि उन्हें 10 रुपये प्रति वैक्सीन का भी मुनाफा होता है वह 6 करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह बनाते हैं. इनमें से 3 करोड वैक्सीन 150 रुपये में केंद्र सरकार को देते हैं. तीन करोड़ वैक्सीन 300 रुपये की दर से राज्य सरकारों और 400 रुपये की दर से प्राइवेट अस्पतालों को यह वैक्सीन दी जा रही है.
सत्येंद्र जैन ने कहा कि राज्य सरकारों से कंपनी को प्रॉफिट हुआ 160 रुपये का और प्राइवेट कंपनियों से 260 रुपये प्रति वैक्सीन का मुनाफा. यानी 1 महीने के उत्पादन में कंपनी को 960 करोड़ रुपये का मुनाफा है. जैन ने कहा कि देश भर में 18 साल से अधिक उम्र के 100 करोड़ से अधिक लोग हैं. सभी को दो-दो डोज वैक्सीन दी जानी है.
इस हिसाब से एक कंपनी का मुनाफा कम से कम 16 हजार करोड़ रुपये बनेगा. वहीं कोवैक्सीन का मुनाफा और भी ज्यादा होगा. सत्येंद्र जैन ने कहा, हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से निवेदन किया है कि वैक्सीन का मूल्य सभी के लिए 150 रुपये रखा जाना चाहिए.
साथ ही देश के जितने भी राज्य हैं अगर उनके लिए वैक्सीन विदेशों से खरीदनी पड़ती है तो केंद्र सरकार एक देश की तरह से वैक्सीन का ऑर्डर दे. दूसरा देश में वैक्सीन बनाने का फार्मूला अन्य कंपनियों को भी बांट दिया जाए. तीसरा 150 रुपये में यदि केंद्र सरकार को वैक्सीन मिल रही है तो वही मूल्य राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों के लिए भी रखा जाए.
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