स्कूली बच्चों के झगड़े से छत्तीसगढ़ में शुरू हुई थी हिंसा, आज विरोध में हिंदू संगठनों ने उठाया ये कदम

छत्तीसगढ़ में बेमेतरा जिले के बीरनपुर गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ हिंदू संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान पर सोमवार को प्रमुख शहरों में ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. बंद में आवश्यक सेवाएं और शिक्षण संस्थान प्रभावित नहीं हुए. कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन नहीं चले. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 10, 2023, 01:56 PM IST
  • शांतिपूर्ण रहा बंद, नहीं हुई अप्रिय घटनाः पुलिस
  • कोरबा समेत कुछ शहरों में दुकानें खुली रहीं
स्कूली बच्चों के झगड़े से छत्तीसगढ़ में शुरू हुई थी हिंसा, आज विरोध में हिंदू संगठनों ने उठाया ये कदम

नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में बेमेतरा जिले के बीरनपुर गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ हिंदू संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान पर सोमवार को प्रमुख शहरों में ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. बंद में आवश्यक सेवाएं और शिक्षण संस्थान प्रभावित नहीं हुए. कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन नहीं चले. 

शांतिपूर्ण रहा बंद, नहीं हुई अप्रिय घटनाः पुलिस
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बंद शांतिपूर्ण रहा और राज्य के किसी भी हिस्से से अब तक किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. हालांकि रायपुर के भाठागांव क्षेत्र के नए बस स्टैंड में कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक बस पर पथराव किया, जिससे वाहन का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल समेत हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भगवा ध्वज लेकर रायपुर, बेमेतरा, जगदलपुर, कोरिया समेत कई जगहों पर पैदल और मोटरसाइकिल से मार्च निकाला और व्यवसायियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की. 

कोरबा समेत कुछ शहरों में दुकानें खुली रहीं
हिंदू संगठनों के साथ विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भी सड़कों पर उतरे और लोगों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील करते देखे गए. हालांकि कोरबा समेत कुछ शहरों में दुकानें खुली रहीं. विहिप ने बीरनपुर गांव की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. इस घटना में आठ अप्रैल को एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. 

जानिए क्यों भड़की थी हिंसा
बेमेतरा कस्बे से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में कथित तौर पर स्कूली बच्चों के बीच झगड़े के बाद हिंसा भड़क उठी थी. स्थानीय प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लगा दी है और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए करीब सात सौ पुलिसकर्मियों को गांव और उसके आसपास तैनात किया गया है. 

'स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे लोग'
गांव की ओर जाने वाले सभी रास्तों को पुलिस ने अवरोधक लगा दिया है. हिंसा में मारे गए भुवनेश्वर साहू (23) का रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया. भाजपा के मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा है कि कांग्रेस शासनकाल में जिस तरह से सांप्रदायिक घटनाएं बढ़ी है उससे यहां की जनता स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही है. 

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि राज्य में आज स्वत:स्फूर्त बंद रहा और लोग इस शासन से छुटकारा पाना चाहते हैं. 

राजनीतिकरण न करे भाजपाः कांग्रेस
इस बीच प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा और आरएसएस को इस घटना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस इस घटना पर आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन भाजपा और आरएसएस इसे सांप्रदायिक रंग देकर इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं. शुक्ला ने कहा कि छोटे दुकानदारों पर अपने प्रतिष्ठान बंद करने का दबाव बनाना निंदनीय है.

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