योगी सरकार ने स्वीकार की चुनौती: बनाया दंगाइयों से वसूली का क़ानून

योगी सरकार देशहित में किसी तरह का समझौता पसंद नहीं करती. मुख्यमंत्री योगी ने दंगाइयों के समर्थन वाले कानूनी विकल्पों का दरवाज़ा पूरा बंद करने के लिए एक क़ानून बना दिया है, अब न दंगाई बच सकेंगे और न उनके समर्थक उनको बचाने के लिए कुछ कर सकेंगे..  

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Mar 14, 2020, 05:23 AM IST
    • योगी सरकार का बड़ा कदम : दंगाइयों से वसूली का क़ानून
    • सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ क़ानून
    • यूपी कैबिनेट से मिली स्वीकृति
    • नुकसान की भरपाई हेतु बनाया क़ानून
योगी सरकार ने स्वीकार की चुनौती: बनाया दंगाइयों से वसूली का क़ानून

नई दिल्ली. योगी सरकार की जितनी तारीफ़ की जाये कम है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कड़क फैसले लेने के लिए छप्पन इंची सीने वाले राजनेता के रूप में जाने जाते हैं. उनका ही अनुसरण करते हुए राष्ट्रवादी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने समाज के उन तत्वों को सबक सिखाने के लिए एक क़ानून तैयार किया है जो राष्ट्रविरोधी ताकतों का मुहरा बन कर दंगाई गतिविधियों को अंजाम देते हैं. 

 

सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ क़ानून

ऐसे सभी असामाजिक और राष्ट्रद्रोही तत्व जो किसी भी बहाने से सड़क पर उतर कर दंगे जैसी बड़ी हिंसात्मक कार्रवाइयों को अंजाम देते हैं, को निशाने पर रख कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गम्भीरतापूर्वक एक क़ानून का निर्माण किया है. दूसरे शब्दों में कहें तो योगी सरकार ने संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वालों से वसूली के लिए बना लिया है कानून. 

यूपी कैबिनेट से मिली स्वीकृति 

दंगाइयों के खिलाफ बनाये जा रहे इस क़ानून को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई. इस अहम बैठक में सीएम योगी के विचार को स्वीकृति देते हुए कैबिनेट द्वारा यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश 2020 के ड्रॉफ्ट को स्वीकृति प्रदान कर दी गई. 

 

नुकसान की भरपाई हेतु बनाया क़ानून 

योगी सरकार का यह कदम अब बड़े पैमाने पर दंगाइयों और उनकी समाजविरोधी तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाएगा. अब विरोध प्रदर्शनों, आंदोलनों, जुलूसों और धरने के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वाले लोगों से नुकसान की पूरी भरपाई सरकार द्वारा की जायेगी. इस सिलसिले में आवश्यक अध्यादेश लाने का सरकार द्वारा फैसला किया गया है.

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