नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की घोषणा किए जाने के बाद शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए कहा कि नोटबंदी वाला ‘जिन्न’ फिर से लोगों को परेशान करने के लिए बाहर आ गया है तथा सरकार को ऐसे कदम के मकसद के बारे में बताना चाहिए. मुख्यमंत्री विपक्षी दल ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार अपना ‘जन विरोधी और गरीब विरोधी एजेंडा’ जारी रखे हुए है.
कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर इस अंदाज में बोला धावा
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'स्वयंभू विश्वगुरु की चिरपरिचित शैली. पहले करो, फिर सोचो. आठ नवंबर, 2016 को तुगलकी फरमान (नोटबंदी) के बाद बड़े धूमधाम से 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था. अब इसे वापस लिया जा रहा है.'
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, 'आठ नवंबर, 2016 का जिन्न फिर से देश को परेशान करने के लिए लौट आया है. बड़े पैमाने पर प्रचारित कदम नोटबंदी देश के लिए भयावह त्रासदी बना हुआ है. प्रधानमंत्री ने 2000 रुपये के नोट के फायदों के बारे में देश के समक्ष उपदेश दिया था. आज जब इसकी छपाई बंद हो गई है तो उन सब वादों का क्या हुआ?'
उन्होंने कहा, 'सरकार को ऐसे कदम के पीछे के मकसद के बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहिए. सरकार जन-विरोधी और गरीब-विरोधी एजेंडा जारी रखे हुए है. आशा करते हैं कि मीडिया इस कदम के बारे में सरकार से सवाल करेगा.'
पी चिदंबरम ने आरबीआई के फैसले पर दी ये प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की घोषणा किए जाने के बाद शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हैरानी नहीं होगी कि यदि 1000 रुपये का नोट फिर से जारी हो जाए. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'जैसी संभावना थी उसी के मुताबिक सरकार/आरबीआई ने 2000 रुपये का नोट वापस लेने का फैसला किया. 2000 रुपये का नोट लेनदेन के लिए बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं है. हमने यह नवंबर, 2016 में कहा था और अब सही साबित हुए हैं.'
उनका कहना था, '500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने के मूर्खतापूर्ण फैसले को ढंकने के लिए 2000 रुपये का नोट ‘बैंड-एड’ की तरह था. नोटबंदी के कुछ सप्ताह के बाद सरकार/आरबीआई को 500 रुपये के नोट फिर से जारी करना पड़ा.' चिदंबरम ने कहा, 'मुझे हैरानी नहीं होगी, अगर सरकार/आरबीआई 1000 रुपये का नोट फिर से जारी कर दे.'
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कटाक्ष करते हुए कहा, 'देश के तमाम अर्थशास्त्री मिल कर भी आज तक 2000 के नोट को चालू करने का एक फायदा भी नहीं ढ़ूंढ़ पाये.हालांकि,कर्नाटक चुनाव में हार का साइड इफेक्ट व चर्चा में बने रहने के लिए साहेब को अब 2000 का नोट बंद करना पड़ रहा है. क्या सरकार के पास चिप की कमी हो गई कि 2000 का नोट बंद हो रहा है?'
सांसद मनोज झा ने मोदी सरकार पर किया कटाक्ष
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने ट्वीट किया, 'मुहम्मद बिन तुगलक बिला वजह 'सिरफिरे मिजाज़' के लिए इतिहास के इतने पन्ने खा गया?' तुगलकी फरमान' एक ऐसा मुहावरा बन गया जिसका चिपकना कई अर्थ रखता था. लेकिन ध्रुव सत्य है कि हर दौर का अपना एक तुगलक होता है..और 'हमारे दौर' वाले तो कई मायनों में ज्यादा वजनी हैं. कम कहे को ज़्यादा समझिये.'
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की. इस मूल्य के नोट को बैंकों में 23 मई से जाकर बदला जा सकता है. आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे. आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है. बैंकों में 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे. हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे.
(इनपुट- भाषा)
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