महाराष्ट्र में कोरोना का दूसरा स्ट्रेन बच्चों के लिए खतरनाक

कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते मामलों का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में देखा जा रहा है. 60 फीसदी असर केवल महाराष्ट्र में है.

Written by - Harsha Chandwani | Last Updated : Apr 1, 2021, 05:50 PM IST
  • वैक्सीन को लेकर राज्यों को हिदायत
  • बच्चों में कोरोना का दूसरा स्ट्रेन
महाराष्ट्र में कोरोना का दूसरा स्ट्रेन बच्चों के लिए खतरनाक

नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना (Corona Virus) के बढ़ते मामलों का सबसे ज़्यादा असर महाराष्ट्र में देखा जा रहा है. 60 फीसदी असर केवल महाराष्ट्र में है, मार्च में लगभग 6 लाख के कोरोना के केसेस में बढ़त के साथ ही 15,500 कोरोना संक्रमण मामले 10 साल के बच्चों में पाए गए जबकि प्रदेश में 50000 मामले 11-20 साल के उम्र के बच्चों में पाए गए.

जिससे बच्चों में दूसरा स्ट्रेन कोरोना का बेहद भयावह है जो कि चिंता का विषय है. कई अभिभावक बच्चों की चिंता के चलते बच्चों के लिए टीके की मांग कर रहे है और फिलहाल स्कूल और संस्थाएं खुलने के पक्ष में भी नहीं है.

ये भी पढ़ें-शादियों के सीजन में कोरोना की मार बैंकट हॉल पर.

राजधानी में भी बच्चों में Corona संक्रमण
दिल्ली सरकार की बाल चिकित्सालय में बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों की कोरोनावायरस टेस्ट के लिए पहुंच रहे हैं. अब उन्हें डर है कि विदेशी म्यूटेशन और दिल्ली में फैल रहे डबल म्यूटेशन का शिकार उनके बच्चे ना बन जाए.

कई मां-बाप को तो कई कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं बच्चों से कोरोनावायरस सैम्पल लेना भी बेहद मुश्किल है. मां-बाप मांग कर रहे हैं कि अब बच्चों का भी टीकाकरण शुरू होना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी भी कोरोना से सुरक्षित रहे.

बच्चों के लिए Vaccine का ट्राइयल 
अब बड़ों के साथ-साथ बच्चों के कोरोना से सैम्पल जीनोम स्टडी के लिए भेजा जा रहा है. हम यह पता करना चाहते हैं कि कहीं दिल्ली में फैल रहे विदेशी स्ट्रेन से बच्चे ज्यादा जल्दी और ज्यादा बड़ी संख्या में संक्रमित तो नहीं हो रहे.

अमेरिका में कई शोध सामने आए हैं जिसमें नया म्यूटेशन बच्चों के लिए घातक है. भारत में अभी ज्यादा लक्षण देखने को नहीं मिले हैं लेकिन यह जरूरी है कि बच्चों की सेहत पर ध्यान दें और संभव हो तो वैक्सीनेशन ट्रायल में बच्चों को भी शामिल किया जाए.

खास बात यह है कि अभी दिल्ली समेत कई राज्यों में छोटी कक्षाओं के स्कूल बंद है, शैक्षणिक कार्य शुरू होने पर संक्रमण और तेजी से फैल सकता है.

कहां हो रहा है बच्चों की वैक्सीन पर शोध 
अमेरिका में फाइजर कंपनी ने बच्चों पर 6775 की संख्या में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया है. अब भारत की स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने भी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की विशिष्ट समिति के सामने सीधे तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मांगी है.

जिसमें 5 साल से लेकर 18 साल की बच्चों और युवाओं पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. ताकि भारत हार्ड इम्यिनिटी की तरफ बढ़ सके और भारत के बच्चे भी कोरोना से सुरक्षित हो जाएं. गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने निजल वैक्सीन का ट्रायल भी शुरू किया है, संभव है कि बच्चों को टीका लगाने की जरूरत ना पड़े और नाक के जरिए वैक्सीन दी जाए.

ये भी पढ़ें-कोरोना के टीकाकरण का तीसरा चरण आज से शुरू.

फैल रहा बच्चों में कोरोना का दूसरा स्ट्रेन 
ऐसा नहीं है कि बच्चों की सेहत खराब करोना की वजह से नहीं होती या बच्चों के अंदर को-मोविड यानी कई तरह की बीमारियां एक साथ नहीं होती. बच्चों के अंदर भी डायबिटीज पाया गया है, हाइपरटेंशन और कई तरह की बीमारियां भी.

ऐसे में बच्चे भी गंभीर लक्षणों का शिकार हो सकते हैं इसलिए जरूरी है कि बच्चों के लिए भी वैक्सीन का ट्रायल हो ताकि बच्चे सुरक्षित बन पाए. अगर बच्चों में लक्षण कम पाए जाते हैं तो भी वह संक्रमण फैला सकते हैं इसलिए बच्चों का टीकाकरण भी बेहद जरूरी है.

वैक्सीन को लेकर राज्यों को भी हिदायत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील की है कि वैक्सीन की बर्बादी एक फीसदी से कम ही रहनी चाहिए. वैक्सीन की कमी न होने का भरोसा दिलाते हुए केंद्र स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा है कि वे उन जिलों में अभियान तेज करें, जहां अब तक वैक्सीनेशन कम हुआ है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

ट्रेंडिंग न्यूज़