असम में डिब्रूगढ़-तिनसुकिया से हटा कर्फ्यू, बाजार खोले गए

असम में लगाया गया कर्फ्यू पिछले हफ्ते मंगलवार को हटा लिया गया और यहां ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि लगभग एक हफ्ते से लगाया गया कर्फ्यू हटा दिया गया है, क्योंकि राज्य की स्थिति में सुधार हुआ है. असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शन होने के बाद एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया था और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 24, 2019, 10:13 PM IST
असम में डिब्रूगढ़-तिनसुकिया से हटा कर्फ्यू, बाजार खोले गए

नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ पिछले दिनों पूर्वोत्तर के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों के मामले सामने आए थे. इन हिंसक प्रदर्शनों के बाद असम सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर राज्य के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया था. हालांकि डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया इलाके में लगे कर्फ्यू को अब हटा लिया गया है. असम के डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया इलाके में दुकानों, बाजारों और शराब पर लगे प्रतिबंधों में ढील दे दी गई है. पूर्वोत्तर में अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. प्रतिबंध मंगलवार देर शाम हटाया गया है.

राज्य की स्थिति में सुधार
इससे पहले असम में लगाया गया कर्फ्यू पिछले हफ्ते मंगलवार को हटा लिया गया और यहां ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि लगभग एक हफ्ते से लगाया गया कर्फ्यू हटा दिया गया है, क्योंकि राज्य की स्थिति में सुधार हुआ है. असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शन होने के बाद एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया था और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था.

CAA के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध के बाद 11 दिसंबर को गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट, तिनसुकिया और असम के कुछ अन्य शहरों में कर्फ्यू लगाया गया था और सेना तैनात की गई थी. गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते सोमवार की देर शाम कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में गुवाहाटी से कर्फ्यू हटाने का फैसला लिया गया था.

हालांकि 22 दिसंबर तक कामरूप मेट्रो सहित असम के कुछ स्थानों पर स्कूल बंद रहे.

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने गैर भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि जो राज्य राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की खिलाफत कर रहे हैं, वे नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को भी लागू करने से इनकार कर दें. दरअसल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर देशभर में हो रहे बवाल के बीच मोदी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है. मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर मुहर लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक, यह मंजूरी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को अपडेट करने के लिए दी गई है.

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