नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को अपने पूर्व नेता उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि विकास के लिए धन प्राप्त करने के लिए केंद्र से अच्छे संबंधों की जरूरत होती है और काम जमीन पर होता है न कि ऑनलाइन या घर से. एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में शिंदे ने ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य के लिए अपने अहम को किनारे रखने की जरूरत है. उद्धव वर्ष 2019 से 2022 तक महा विकास आघाडी सरकार में मुख्यमंत्री थे और अकसर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार से खींचतान होती थी.
एकनाथ शिंदे ने इस अंदाज में उद्धव पर साधा निशाना
राज्य के विकास के लिए केंद्र के साथ अच्छे संबंध पर जोर देते हुए शिंदे ने कहा, 'विकास हासिल करने के लिए जमीन पर काम करने की जरूरत होती है. आप ऑनलाइन या फेसबुक के माध्यम से काम नहीं करा सकते हैं. राज्य के विकास के लिए धन हेतु केंद्र से बात करने के दौरान मुख्यमंत्री को अपने अहम को किनारे रख देना चाहिए.'
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नियमित रूप से आरोप लगाती थी कि ठाकरे मुंबई के उपगनर बांद्रा स्थित अपने निजी आवास ‘मातोश्री’ से सरकार चला रहे थे और मार्च 2020 से कोविड-19 से प्रभावित जिलों का दौरा नहीं किया.
असली शिवसेना के सवाल पर क्या बोले सीएम शिंदे?
निर्वाचन आयोग द्वारा उनके गुट को वास्तविक शिवसेना मानने और धनुष बाण का चुनाव निशान आवंटित करने के सवाल पर शिंदे ने कहा,'शिवसेना का गठन बाला साहेब ठाकरे ने किया था. शिवसेना के अधिकतर विधायक, सांसद और (पूर्व) पार्षद मेरे साथ हैं.'
उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती ने सत्ता के लिए बाला साहेब की विचारधारा के साथ धोखा किया. गौरतलब है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद उद्धव् ठाकरे ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाडी की सरकार बनाई थी. हालांकि, जून 2022 में शिंदे के नेतृत्व में बगावत करने के बाद ठाकरे नीत सरकार गिर गई.
शिवसेना की विचारधारा से किसने किया विश्वासघात?
शिंदे ने कहा, 'शिवसेना की विचारधारा से विश्वासघात हुआ जब आपने (उद्धव ठाकरे) ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाई जिसके बारे में बाला साहेब ने कहा था कि उनसे एक हाथ की दूरी बनाए रखो.'
शिंदे ने कहा कि वह शिवसेना (उनके गुट को चुनाव आयोग द्वारा मान्यता देने के बाद) की संपत्ति पर दावा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि बालासाहेब की विचारधारा और विरासत ही उनके और उनके समर्थकों के लिए वास्तविक धन है.
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