नई दिल्लीः चीन और पाकिस्तान के लिए जरूरी खबर, इन दोनों देशों के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है. भारतीय वायुसेना ने 10 आकाश मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है. जो मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने में सक्षम है.
इसके बाद देश की वायुसेना और भी सशक्त हो गई है. इन मिसाइलों का परीक्षण आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका परीक्षण रेंज में किया गया था. ये सभी मिसाइलें लक्ष्य को भेद पाने में सफल रही हैं.
DRDO ने की है विकसित
चीन और पाकिस्तान के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत लगातार अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने का काम तेजी के साथ कर रहा है. आकाश मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है.
इस मिसाइल का निर्माण भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा मिलकर किया गया है.
ऐसे किया गया परीक्षण
आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका टेस्टफायरिंग रेंज में अलग-अलग परिदृश्य पैदा की गईं जहां पिछले हफ्ते परीक्षण किया गया. इस दौरान आकाश मिसाइलों ने लक्ष्यों पर सीधा हमलाकर मार गिराया. सरकारी सूत्रों ने बताया, 'एयर फोर्स ने कंबाइंड गाइडेड वेपंस फायरिंग 2020 एक्सरसाइज के दौरान करीब 10 आकाश मिसाइलें दागीं. इसमें संभावित संघर्ष के दौरान अलग-अलग सेनारियो में दुश्मन के जहाजों को मार गिराने के अभ्यास किया गया.
मिसाइलें संयुक्त गाइडेड हथियारों से लैस
आकाश मिसाइल के साथ ही वायुसेना ने कंधे पर रखकर छोड़ी जाने वाली रूस में बनी इगला मिसाइल का परीक्षण किया. यह दोनों ही सिस्टम इस पर पूर्वी एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं. इसका मतलब है कि दुश्मन की ओर से हवा में हरकत करने की थोड़ी सी भी कोशिश की गई तो वायुसेना इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जंग के दौरान दुश्मन के विमानों को ढेर करने के काम में ये मिसाइलें पूरी तरह से सक्षम हैं. मिसाइलें संयुक्त गाइडेड हथियारों से लैस हैं. आकाश सबसे सफल स्वदेशी हथियार प्रणालियों में से एक है और यह हमारे जवानों की स्वदेशी हथियारों से युद्ध करने की इच्छा को पूरा करेगा.
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