नई दिल्लीः गाजीपुर बॉर्डर से BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर ऊंची आवाज लगाई है. उन्होंने मंगलवार को ऐलानिया सुर में कहा कि हमारा नारा है 'कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं' उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन जल्द समाप्त नहीं होने जा रहा है. टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर स्थित धरना स्थल के पास सड़क पर बैठ कर खाना खाया. कहा कि सरकार दिल्ली की राह में किलेबंदी करके रोटीबंद करने की तैयारी कर रही है. इसके ही विरोध में हमने रोटी खाकर प्रदर्शन किया है. उन्होंने आंदोलन के अक्टूबर से पहले खत्म न होने की बात भी कही है.
Our slogan is - 'kanoon wapsi nahi, to ghar wapsi nahi'. This agitation will not conclude before October, it will not end anytime soon: Bhartiya Kisan Union (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/Vnu649AcIr
— ANI (@ANI) February 2, 2021
'सरकार के साथ कोई औपचारिक बात नहीं'
जानकारी के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मंगलवार को कहा कि पुलिस-प्रशासन जब तक ‘उत्पीड़न’ बंद नहीं करता और हिरासत में लिए किसानों को रिहा नहीं किया जाता है तब तक सरकार के साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं होगी.
इसके अलावा कई किसान संगठनों के इस समूह ने एक बयान जारी कर यह आरोप भी लगाया कि सड़कों पर कीलें ठोकने, कंटीले तार लगाने, आंतरिक सड़क मार्गों को बंद करने समेत अवरोधक बढ़ाया जाना, इंटरनेट सेवाओं को बंद करना और ‘भाजपा एवं आरएसएस के कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रदर्शन करवाना’ सरकार, पुलिस एवं प्रशासन की ओर से नियोजित ‘हमलों’ का हिस्सा हैं. मोर्चे का आरोप है कि किसान आंदोलन से जुड़े कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक किया गया है.
हिरासत में लिए किसानों को रिहा करने की मांग
किसान मोर्चा ने कहा, ‘‘एसकेएम ने सोमवार को अपनी बैठक में फैसला किया कि किसान आंदोलन के खिलाफ पुलिस एवं प्रशासन की ओर से उत्पीड़न तत्काल बंद किया जाना चाहिए.’’ उसके मुताबिक, सरकार की तरफ से औपचारिक बातचीत को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है. याद करें तो सरकार ने 22 जनवरी को सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई आखिरी दौर की बातचीत में कानूनों का क्रियान्वयन 18 महीनों के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसान संगठन कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं.
There's no problem if Opposition is coming to support us but it should not be politicised. We can't do anything if leaders come. The traffic movement has not been blocked by farmers, it is because of the police barricading: BKU leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/jejdg3smqI
— ANI (@ANI) February 2, 2021
इसी मांग के बीच 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की आड़ में बड़ा उपद्रव हुआ. हिंसा के बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था. किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस ने 122 आंदोलकारियों की सूची जारी की है जिन्हें हिरासत में लिया गया है. उसने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी किसानों की रिहाई होनी चाहिए.
राकेश टिकैत का बड़ा बयान- अक्टूबर तक चलेगा आंदोलन
किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा, ''हमने सरकार को बता दिया कि यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा. अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे. हालांकि उन्होंने बातचीत भी चलते रहने की बात कही है. उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब कि कौम और किसान की कौम को बदनाम करने की कोशिश हुई है.
Shiv Sena leaders including party MPs Arvind Sawant and Sanjay Raut meet Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait at Ghazipur (Delhi-Uttar Pradesh) border. pic.twitter.com/KC4ZZDhJPG
— ANI (@ANI) February 2, 2021
इससे पहले, शिवसेना नेता संजय राउत ने भी गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर राकेश टिकैत से मुलाकात की थी. राउत दोपहर में करीब एक बजे पहुंचे और मंच के पास टिकैत तथा अन्य प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की. राउत ने कहा कि टिकैत तथा आंदोलन को जिस तरह दबाने की कोशिश हुई है ऐसे में हमने महसूस किया कि किसानों के साथ खड़े रहना और पूरे महाराष्ट्र, शिवसेना तथा उद्धव ठाकरे साहब की ओर से समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है.
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