नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि पिछले पांच वित्त वर्षों में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को बट्टे खाते में डाला और इन ऋणधारकों से वसूली की प्रक्रिया जारी है.
5 वर्षों में कितने करोड़ रुपये की हुई वसूली?
गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) वाले खातों से वसूली और बट्टे खाते में डालना एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्ष में 4,80,111 करोड़ रुपये की वसूली की जिनमें बट्टे खाते में डाले गए 1,03,045 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है.
सदन में प्रश्नकाल के दौरान सीतारमण ने कहा, 'रिजर्व बैंक से मिली सूचना के मुताबिक, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने पिछले पांच वर्षों में 10,09,511 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले हैं.' उन्होंने कहा कि कर्ज को बट्टे खाते में डालने से ऋणधारकों को फायदा नहीं मिलता है और वसूली की प्रक्रिया जारी रहती है.
देश में कितने मूल्य के नोट चलन में हैं?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि देश में दो दिसंबर, 2022 तक कुल 31.92 लाख करोड़ रुपये की कीमत के नोट चलन में थे जो इससे पहले के साल की तुलना में 7.98 प्रतिशत अधिक हैं. उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
सीतारमण ने कहा कि आर्थिक वृद्धि और ब्याज दर के स्तर समेत कई सूक्ष्म आर्थिक कारकों पर मुद्रा की मांग निर्भर करती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का मिशन कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ना है, ताकि काले धन की उत्पत्ति और प्रसार रोका जा सके तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके.
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार और रिजर्व बैंक ने कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
(इनपुट: भाषा)
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