नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार मूल्य वृद्धि पर नजर रख रही है, वित्त मंत्री ने कहा कि देश में जो महंगाई है वो पूरी तरीके से ईंधन और फर्टिलाइजर की कीमतों के चलते है.
राज्यसभा में पूरक अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 21 महीने के निचले स्तर पर आ गई है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने महंगाई पर क्या बोला?
नवंबर 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति भी 10 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर आ गई, जो आरबीआई के 6 प्रतिशत के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से आगे रहने के बाद थी. सीतारमण ने आगे कहा कि केंद्र द्वारा शुरू की गई विभिन्न पीएलआई योजनाओं के कारण देश में निजी निवेश कैपेक्स बढ़ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि अनुदान की पूरक मांग अनिवार्य रूप से खाद्य सुरक्षा, उर्वरक आवश्यकताओं और अर्थव्यवस्था को सहायता प्रदान करने के लिए है. सीतारमण ने सदन को आगे बताया कि मार्च 2022 में बैंकों का सकल एनपीए छह साल के निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर आ गया.
कोरोना वायरस महामारी पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार की रणनीति ने आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने में मदद की, इस प्रकार मंदी की प्रवृत्ति से बचा जा सका.
बाद में, राज्यसभा ने अनुदान की अनुपूरक मांगों को लोकसभा को वापस कर दिया, इस प्रकार सरकार को चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त 3.25 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत करने की प्रक्रिया पूरी हो गई.
(इनपुट: आईएएनएस)
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