Kalyan Singh Passed Away : नहीं रहे कल्याण सिंह, भाजपा की मंडल-कमंडल राजनीति की काट का अंत

Kalyan Singh Passed Away : कल्याण सिंह बीते महीनों से काफी बीमार थे. इधर हाल के दिनों में उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 21, 2021, 11:14 PM IST
  • कल्याण सिंह को 4 जुलाई को संजय गांधी पीजीआई में भर्ती किया गया था
  • कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था
Kalyan Singh Passed Away : नहीं रहे कल्याण सिंह, भाजपा की मंडल-कमंडल राजनीति की काट का अंत

Kalyan Singh Passed Away : लखनऊः उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह (Kalyan Singh Death News) नहीं रहे. उन्होंने शनिवार को लखनऊ के अस्पताल में आखिरी सांस ली. कल्याण सिंह बीते महीनों से काफी बीमार थे. इधर हाल के दिनों में उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. 

कल्याण सिंह को 4 जुलाई को संजय गांधी पीजीआई के Critical Care medicine के आईसीयू में गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया था. लंबी बीमारी और शरीर के कई अंगों के धीरे-धीरे फेल होने के कारण आज उन्होंने अंतिम सांस ली. 

दो बार बने यूपी के सीएम
अयोध्या में राम मंदिर के आंदोलन और ढांचा विंध्वस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह भाजपा के कद्दावर नेताओं में से एक थे. कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अतरौली के विधानसभा के सदस्य थे. 

राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे
कल्याण सिंह (Kalyan Singh) बुलंदशहर तथा एटा से लोकसभा सदस्य भी रहने के साथ राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे. राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त करने के बाद कल्याण सिंह ने लखनऊ में आकर एक बार फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.

मंडल और कमंडल की पॉलिटिक्स का सिंबल बन के निकले कल्याण सिंह
1980 में भाजपा के जन्म के ठीक दस साल बाद देशभर की राजनीति का माहौल बदलने लगा. ये वही साल था जब 1989-90 में मंडल-कमंडल वाली सियासत शुरू हुई और भाजपा को अपने  सियासी बालपन में ही रोड़े अटकने का अहसास हुआ. इस अहसास और संकट के मोचक बनकर निकले कल्याण सिंह. जब आधिकारिक तौर पर पिछड़े वर्ग की जातियों को कैटिगरी में बांटा जाने लगा और पिछड़ा वर्ग की ताकत सियासत में पहचान बनाने लगा तो भाजपा ने कल्याण दांव चला. 

दरअसल, भाजपा शुरू से बनिया और ब्राह्मण पार्टी वाली पहचान रखती थी. इस छवि को बदलने के लिए भाजपा ने पिछड़ों का चेहरा कल्याण सिंह को बनाया और तब गुड गवर्नेंस के जरिए मंडल वाली सियासत पर कमंडल का पानी फेर दिया था. 

कल्याण सिंह (Kalyan Singh Death) के जाने से भाजपा सहित सियासी गलियारे में शोक की लहर है. 

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