पटना: बिहार के छपरा की रहने वाली मेडिकल की छात्रा एकता चीन से न्यूरो साइंस में पीएचडी कर रही हैं. एकता का यह पीएचडी का अंतिम वर्ष थी लेकिन चीन में फैले कोरोना नामक वायरस से पूरे हिंदुस्तान में भी इसे लेकर सावधानी बरती जा रही है.
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बता दें कि एकता को भी कोरोना वायरस के लक्षण की शंका होने पर वह 22 जनवरी को अपने पैतृक आवास छपरा आ गई. जिसके बाद तेज बुखार के चलते छपरा सदर अस्पताल लाया गया. जहां संदेह के आधार पर सदर अस्पताल में विशेष जांच में रखते हुए पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया. वही पीएमसीएच अधीक्षक विमल कारक ने बताया की हिंदुस्तान में दो कोरोना के मरीज पहले पाए गए थे और अब तीसरा छपरा के रहने वाली मेडिकल की छात्रा में लक्षण की जानकारी मिली है. इसके आधार पर ब्लड टेस्ट किया जाएगा, उसके बाद पूणा एनआईबी को भेजा जायगा जहां चार से पांच दिनों में रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो पाएगा की कोरोना वायरस की शिकार है या नहीं. फिलहाल एकता को इमरजेंसी वार्ड के कमरा नंबर 206 में इंसोलेशन वार्ड में को रखा गया है. अभी इस तरह के मौसम में सर्दी-खांसी व बुखार भी होते हैं जो ठीक होने में कम से कम आठ से दस दिन का समय लेता है. इसलिए कोरोना वायरस को लेकर स्पष्टता सामने नहीं आई है. एकता के लिए डॉक्टर की टीम बुला ली गई है और इसकी मोनिटरिंग खुद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव कर रहे है.
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस को लेकर पहली जानकारी 5 जनवरी 2020 को मिली थी. चीन में कोरोना वायरस के मरीज पाए गए हैं जिसके बाद वहां काम करने वाले नर्सेज को चीन में रोका गया था. इसके अलावा उसके बाद सभी एयरपोर्ट को हाई अलर्ट पर रखा गया, ताकि कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर मरीज का इलाज हो सके.
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जी मीडिया से की छात्रा ने बात
वही मेडिकल की छात्रा एकता ने जी मीडिया से बताया की मुझे किसी तरह कोई बीमारी नहीं है, मुझे 98 फीवर था इसके बाद एयरपोर्ट से भी रिलीज कर दिया गया. लेकिन इलाज के लिए जबरन भेज दिया गया है, चीन से आने वाले किसी भी व्यक्ति को बुखार होगा तो वो कोरोना वायरस का ही शिकार है ये कोई जरुरी नहीं है. वही पीड़िता के पिता सुशील कुमार सिंह ने बताया की कोई प्रॉब्लम नहीं है. चीन में कोरोना वायरस की जानकारी मिलने पर शंका हुई थी. जिसे लेकर डॉक्टर के यहां मैं जांच कराने के लिए खुद गया भी था. जहां छपरा सिविल सर्जन ने सस्पेक्टेड होने पर पटना पीएमसीएच जांच के लिए भेजा है.